जयपुर: राजस्थान विधानसभा में इंदिरा गांधी पर हुई टिप्पणी को लेकर हंगामा जारी है। सोमवार (27 फरवरी) के दिन भी राजस्थान कांग्रेस के विधायक विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गए। इन विधायकों को सदन से निलंबित किया जा चुका है और वह सदन के अंदर नहीं जा सकते हैं। इन विधायकों को सदन के अंदर जाने से रोकने के लिए विधानसभा के बाहर मार्शल ने फोर्स तैनात की है। कांग्रेस विधायकों का कहना था कि अगर उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया तो वह विधानसभा के बाहर धरना देंगे और अब वह ऐसा ही कर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दल कांग्रेस के बीच गतिरोध को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पूरे प्रकरण में राजनीति कर रही है। वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार ने सदन में गतिरोध केवल इसलिए बना रखा है क्योंकि मंत्रियों का कार्य प्रदर्शन खराब है और वे सदन में विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
मंत्री अविनाश गहलोत ने प्रश्नकाल के दौरान कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास संबंधी एक प्रश्न का उत्तर देते समय विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा था, ‘‘2023-24 के बजट में भी आपने हर बार की तरह अपनी ‘दादी’ इंदिरा गांधी के नाम पर इस योजना का नाम रखा था।’’ इस टिप्पणी के कारण सदन में भारी हंगामा हुआ था और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। हंगामे के कारण प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, रामकेश मीणा, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन, हाकम अली और संजय कुमार सहित छह कांग्रेस विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया था।
कांग्रेस विधायकों ने मंत्री से माफी मांगने और निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए विधानसभा में धरना दिया था। बाद में विपक्षी कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया था। राठौड़ ने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि कांग्रेस विधानसभा में हर दिन नया विवाद खड़ा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सदन में बजट प्रस्तुत होने के बाद कांग्रेस सदस्यों ने खासकर डोटासरा ने जो माहौल बनाया, उससे लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। राठौड़ ने विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पूरे प्रकरण में राजनीति कर रही है।