जम्मू-कश्मीर विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों ने सोमवार को शपथ ली. प्रोटेम विधानसभा अध्यक्ष मुबारक गुल की ओर से शपथ दिलाई गई. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कश्मीरी भाषा में शपथ ली. 54 वर्षीय उमर शपथ लेने वाले पहले विधायक थे. हालांकि, जब किश्तवाड़ से भाजपा विधायक शगुन परिहार शपथ लेने उठीं तो सबकी नजरें उनपर टिक गईं. भगवा साफा पहने परिहार ने विधानसभा के भीतर ‘जय श्री राम’ का उद्घोष किया और फिर शपथ लेने आगे बढ़ीं. उन्होंने संस्कृत में विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली.
शगुन परिहार सहित 51 लोग पहली बार विधायक बने हैं. विधानसभा में 29 साल की शगुन परिहार सबसे कम उम्र की सदस्य हैं. चरार-ए-शरीफ से विधायक अब्दुल रहीम राथर (80 साल) सबसे अधिक उम्र के सदस्य हैं. शगुन परिहार जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की एकमात्र महिला विधायक बनकर उभरी हैं. वह जम्मू क्षेत्र की किश्तवाड़ सीट से चुनाव जीती हैं. साल 2018 में शगुन परिहार के पिता अजित परिहार और चाचा अनिल परिहार को उनके घर के पास ही आतंकवादियों ने गोली मार दी थी. शगुन के चाचा उस समय बीजेपी के प्रदेश सचिव थे.
इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाली शगुन परिहार को जब बीजेपी ने उम्मीदवार घोषित किया, तब वह पीएचडी करने में जुटी थीं. अपने चुनावी हलफनामे में उन्होंने 92.40 लाख रुपये की संपत्ति घोषित की है. पीएम नरेंद्र मोदी ने डोडा की चुनावी रैली में शगुन परिहार को ‘बेटी’ कहकर संबोधित किया था.
एनसी के पास 42 विधायक हैं, जबकि भाजपा के पास 29, कांग्रेस के पास 6, पीडीपी के पास 3, सीपीआई-एम के पास 1, आम आदमी पार्टी (आप) के पास 1, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) के पास 1 और 7 निर्दलीय विधायक हैं. सात में से छह निर्दलीय विधायकों ने उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली एनसी सरकार को समर्थन दिया है.
राठेर और अली मोहम्मद सागर ऐसे दो व्यक्ति हैं जो रिकॉर्ड सात बार विधानसभा के लिए चुने गए हैं. सागर 1983 से विधानसभा के सदस्य हैं, जबकि राठेर ने 1977 में विधायक के रूप में अपना कार्यकाल शुरू किया था.