कोरोना वायरस के डर से इस शख्स ने अस्पताल में ही की आत्महत्या , जांच रिपोर्ट आई नेगेटिव , जिंदगी के लिए कोरोना से डरना जरुरी , लेकिन खौफ से जान गंवाना बेवकूफी  

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अरियालुर वेब डेस्क / कोरोना का खौफ कुछ लोगों पर इस कदर हावी है कि वे सामान्य बुखार , सर्दी खांसी को ही कोरोना का संक्रमण मान ले रहे है | कई ऐसे भी लोग है जो इससे भयभीत होकर बगैर डाक्टरी सलाह के कई प्रकार की दवाईयां खा रहे है | लेकिन  सबसे ज्यादा घातक वो लोग है , जो मारे डर के आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे है | तमिलनाडु में एक ऐसे ही शख्स ने अस्पताल में आत्महत्या कर ली | जब इस व्यक्ति की मेडिकल रिपोर्ट सामने आई तो पीड़ित परिवार के पैरो तले जमीन खिसक गई | दरअसल रिपोर्ट नेगेटिव थी | इस व्यक्ति को सामान्यतः फ्लू का संक्रमण था | लेकिन उसके सिर पर कोरोना का भूत सवार था |  

हालांकि देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. हर रोज कोरोना वायरस से संक्रमित नए मरीज सामने आ रहे हैं. देश में अब तक 7000 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं | इस बीच एक मेडिकल रिपोर्ट से तमिलनाडु के लोग हैरान है | दरअसल, अरियालुर में एक कोरोना संदिग्ध ने आत्महत्या कर ली थी |  कोरोना वायरस के इस संदिग्ध को अरियालुर के सरकारी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था | जहां इस व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली थी | यह 60 वर्षीय शख्स हाल ही में केरल से अरियालुर लौटा था | केरल से लौटने के बाद उसे बुखार और खांसी के लक्षण दिखाई देने लगे, जिसके बाद 6 अप्रैल को मरीज को अरियालूर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था |  आइसोलेशन वार्ड में भर्ती शख्स के 7 अप्रैल को कोविड-19 के लिए नमूने लिए गए थे | 

उधर पीड़ित शख्स के टेस्ट के नतीजों का इंतजार किया जा रहा था | लेकिन इससे पहले ही यह शख्स तनाव में आ गया | मौका पाते ही उसने अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में ही आत्महत्या कर ली | डॉक्टरों ने पुलिस को आत्महत्या की जानकारी दी |घटना के चार दिन बाद उस व्यक्ति की कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है | हालांकि पुलिस अधिकारी अब इस मामले की जांच कर रहे हैं कि आत्महत्या के पीछे कहीं कोई और कारण तो नहीं था |