आज इतिहास रचेगा ISRO, स्पेस में भेजेगा ये दो सेटेलाइट, जानें अंतरिक्ष में क्या करेंगे ये

0
19

ISRO News: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सोमवार की रात दो उपग्रहों को लॉन्च करेगा. इन उपग्रहों का मकसद अंतरिक्ष में जोड़ने और अलग करने (डॉकिंग और अनडॉकिंग) की तकनीक का परीक्षण करना है. इसमें कामयाबी मिलने पर भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा.

अंतरिक्ष एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि इसरो का रॉकेट ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी), दो उपग्रहों एसडीएक्स-एक और एसडीएक्स-दो को 476 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा में स्थापित करेगा. इसके बाद इन उपग्रहों के माध्यम से ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपरिमेंट'(स्पेडेक्स) जनवरी के पहले हफ्ते में होगी.

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, “यह मिशन भारत को उन देशों के समूह में शामिल करेगा, जो अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक को सफलतापूर्वक उपयोग में ला चुके हैं. यह मिशन भारत के भविष्य के प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे, जिसमें पृथ्वी पर चंद्रमा से चट्टानें और मिट्टी लाना, प्रस्तावित भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा की सतह पर एक अंतरिक्ष यात्री को उतारना शामिल है. अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ने ही अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक में महारत हासिल की है.

इसरो के एक अधिकारी ने कहा, स्पेडेक्स मिशन का मुख्य उद्देश्य दो छोटे उपग्रहों (एसडीएक्स01 और एसडीएक्स02) की डॉकिंग और अनडॉकिंग की तकनीक का परीक्षण करना है, जो लो-अर्थ ऑर्बिट में एक साथ जुड़ेंगे. मिशन का दूसरा उद्देश्य यह साबित करना है कि डॉक किए गए उपग्रहों के बीच बिजली का ट्रांसफर कैसे किया जा सकता है. ये तकनीक अंतरिक्ष में रोबोटिक्स, डॉकिंग से अलग होने के बाद समग्र अंतरिक्ष यान नियंत्रण और पेलोड संचालन के लिए आवश्यक है.

बता दें कि एसडीएक्स 01 उपग्रह हाई रेजोल्यूशन कैमरा (HRC) से लैस है. वहीं, एसडीएक्स02 में दो पेलोड मिनिएचर मल्टीस्पेक्ट्रल (MMX) पेलोड और रेडिएशन मॉनिटर (रेडमॉन) हैं. इसरो ने कहा कि ये पेलोड उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाली तस्वीरें, प्राकृतिक संसाधन निगरानी, ​​वनस्पति अध्ययन और कक्षा में विकिरण पर्यावरण माप प्रदान करेंगे, जिनका आगे मिशन में प्रयोग किया जा सकता है.