क्या मुंगेली पुलिस कर रही है अपनी ही छवि धूमिल…लॉकडाउन उल्लंघन मामले में मुर्गा धंधे के ऊपर कार्रवाई , लॉकडाउन में जहाँ मध्यम वर्गीय परिवार के ऊपर आर्थिक तंगी का संकट ऐसे में गरीबो के ऊपर इस तरह की कार्रवाई करना कितना जायज ?

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रिपोर्टर – नईम खान

मुंगेली / कोरोना की चैन को तोड़ने के लिए लिए छत्तीसगढ़ के कई जिलों में लॉकडाउन किया गया है लेकिन इसका किसी भी तरह का असर है वह देखने को नही मिला यही वजह है रोजाना कोरोना के मरीजो की संख्या बढ़ रही है इसके साथ ही मौत के आंकड़ों में बढ़ोतरी हो रही है…किसी तरह का कोई असर नही होता देख प्रशासन ने छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर और न्यायधानी बिलासपुर में अनलॉक कर दिया गया…

कोरोना चैन को तोड़ने के लिए मुंगेली में भी दो चरणों मे सम्पूर्ण लॉकडाउन किया गया जिसमें पहले चरण में 17 से 23 सितम्बर और 24 सितम्बर को आमजनों को छूट देकर 25 से 30 सितम्बर तक लॉकडाउन का आदेश कलेक्टर ने जारी किया है…लेकिन लॉकडाउन का कोई मतलब नही दिखा बल्कि रोजाना मरीजो की संख्या और मौत का आंकड़ा बढ़ ही रहा है लेकिन लॉकडाउन के अंतिम दिनों में मुंगेली पुलिस ने मामूली मुर्गे के धंधा करने वाले एक दुकानदार पर बड़ी कार्रवाई की गई जब वो अपने घर पर मुर्गा काटकर बेच रहा था यहां तक कि मुर्गे दुकानदार के आरोपी मोहम्मद सलीम के ऊपर लॉकडाउन उल्लंधन मामले आईपीसी की धारा 188,279 व महामारी एक्ट 3,4 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया..वही आरोपी छोड़ने के लिए मुंगेली कोतवाली थाना के ड्राइवर द्वारा छोड़ने के एवज में 10 हजार की मांग की गई जिसके बाद आरोपी है वो टूट गया और अपनी आपबीती बताया कि परिवार की स्थिति दयनीय होने की वजह से उसे मजबूरीवश घर चलाने के लिए घर पर ही कोई ग्राहक आ जाए तो उसे बेचता था वही इस दरमियान मुंगेली कोतवाली पुलिस ने दबिश देकर आरोपी को पकड़ लिया और उसके बाद पूरे शहर में घुमाते रहे और छोड़ने के एवज में 10 हजार की मांग की गई…तब उसने बताया कि दिनभर उसने महज 2400 रुपये का धंधा किया है वो इतने पैसे कहा से लाए….

पूरे जिले में लॉकडाउन के दरमियान बड़े व्यापारी पुलिस के नाक के नीचे अपना व्यापार कर रहे है लेकिन क्या पुलिस इसपर कोई कार्रवाई नही की गई और मुर्गे के धंधे करने वाले मुफ़लिस व्यक्ति के ऊपर कार्रवाई करके मुंगेली कोतवाली पुलिस अपनी छवि धूमिल कर रही है।

मामले पर मुंगेली एसपी अरविंद कुजूर से बात की गई तो वो इस तरह के मामले से हैरान होकर जिम्मेदार अधिकारियों से बात करने की बात कही । लॉकडाउन की वजह से जहा मध्यम वर्गीय परिवार के ऊपर आफत मुसीबत ऐसे ही पड़ी है उस दरमियान गरीबो के ऊपर इस तरह की कार्रवाई करना कितना जायज है।।