ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामनेई ने बनाया हिंदी ट्विटर अकाउंट , लेकिन तमिलनाडु में हिंदी विरोध से हैरत में देश

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नई दिल्ली / ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह सैय्यद अली खामनेई ने हिंदी भाषा में एक ट्टिटर अकाउंट बनाया है। इस अकाउंट का नाम भी हिंदी मे है और इससे हिंदी भाषा में ही ट्वीट किए जा रहे हैं। अभी तक इस अकाउंट से दो ट्वीट किए गए हैं। इसमें पहला ट्वीट था, ‘अल्लाह के नाम से, जो अत्यंत कृपाशील और दयावान है।’खामनेई ने हिंदी के साथ-साथ अन्य भाषाओं में भी ट्विटर अकाउंट  बनाए हैं। इनमें फारसी, अरबी, उर्दू, फ्रेंच, स्पेनिश, रूसी और अंग्रेजी भाषाएं शामिल हैं। 

आयतुल्लाह अली खामेनेई ईरान के सर्वोच्च नेता माने जाते हैं | अयातुल्ला अली खामेनेई का भारत के यूपी स्थित बाराबंकी से खास नाता है | उनके दादा सैय्यद अहमद मसूवी यहीं के रहने वाले थे | 1830 में अयातुल्लाह खामेनेई के दादा उस समय के अवध के नवाब के साथ ईरान और इराक की यात्रा पर गए थे | सैय्यद अहमद मसूवी को ईरान का खामेनेई गांव इतना पसंद आया कि वे वहीं बस गए और फिर भारत नहीं लौटे | इसके बाद उनकी पीढ़ी में खामेनेई नाम को सरनेम तरह लगाने लगे | धीरे-धीरे इस पीढ़ी के लोग ईरान के सबसे शक्तिशाली लोगों में गिने जाने लगें | भारत से जुड़े होने के कारण अयातुल्ला अली खामेनेई पर भारतीय एजेंट होने के भी आरोप लगाए गए | ये वे दौर था जब ईरान में राजा मोहम्मद रजा शाह पहलवी की हुकूमत थी |

उधर डीएमके नेता कनिमोझी ने राष्ट्रभाषा हिंदी को लेकर आग ऊगली है | उनके तंज से लगता है कि वे भारत की नहीं है | दरअसल एयरपोर्ट पर CISF के एक अफसर ने कनिमोझी से हिंदी में बात क्या की ? वे बिफर गई | इसके बाद उन्होंने ट्वीट भी किया | 

कनिमोझी ने कहा है कि रविवार को एयरपोर्ट पर जब उन्होंने सीआईएसफ के एक ऑफिसर को अंग्रेजी या तमिल में बात करने को कहा तो उस ऑफिसर ने जवाब दिया कि क्या वे भारतीय नहीं है ? कनिमोझी ने इस घटना पर आपत्ति जताई है और पूछा है कि भारतीय होना हिन्दी जानने के बराबर कब से हो गया है |