मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के टोल टैक्स नाके पर आईपीएस अधिकारी बता कर अवैध वसूली करने वाला शख्स चढ़ा पुलिस के हत्थे, घर से फॉर्च्यूनर गाड़ी और 100 चेक बुक के साथ पुलिस हिरासत में

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भोपाल / मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के टोल टैक्स नाकों में होने वालीं अवैध वसूली में एक आईपीएस अधिकारी अक्सर अपनी हिस्सेदारी तय कर लेता था | अवैध वसूली की बंदरबांट के समय वो दस्तक देता और बैरियर से रकम लेकर लौट जाता | लग्जरी गाड़ियों और कुछ खास फोन नंबर के जरिए बैरियर वाले उसके झांसे में आ जाते | उसके हाव भाव से वह लोगों को यकीन दिलाता था कि वो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी है। दरअसल मध्यप्रदेश के कई रेंज में एसपी और आईजी रह चुके विपीन महेश्वरी के नाम का इस्तेमाल कर वो लोगों को अपना यही नाम बताता था |

लोग जब कभी भी उसका नंबर सर्च करते तो उन्हें इस फर्जी आईपीएस विपिन कुमार महेश्वरी नाम रिफ्लेक्ट होता | नतीजतन बैरियर्स में तैनात अमला इस फर्जी आईपीएस अधिकारी को असली अधिकारी समझने लगा | लेकिन एक दिन उसका भांडा फूट गया | बताया जाता है कि इस ठग का असली नाम ज्योतिर्मय विजयवर्गीय है। वह मूल रूप से देवास जिले का रहने वाला है। मध्यप्रदेश के अलावा उसके खिलाफ महाराष्ट्र में भी कई मामले दर्ज है।

इस फर्जी आईपीएस अधिकारी को एमपी की एसटीएफ की टीम ने उज्जैन से गिरफ्तार किया है। एसटीएफ के एसपी गीतेश गर्ग ने बताया कि यह अंबलाहा टोल टैक्स पर रुका था और खुद को आईपीएस बताया था। उनके मुताबिक ज्योतिर्मय विजयवर्गीय ने उस टोल टैक्स पर 3-4 लोगों को परिवहन विभाग में भर्ती करवाने के लिए ऑफर दिया था। उसने एसटीएफ चीफ के नाम से एक नंबर सेव कर रहा था | किसी को भी वो उन्हीं के नाम से फोन करता था। अधिकारी के मुताबिक ट्रू कॉलर पर जब किसी प्रभावी नंबर व्यक्ति का नंबर दिखता था, तब लोग यकीन कर लेते थे कि शायद उन्ही आईपीएस अधिकारी का फोन है। पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद इस फर्जी आईपीएस अधिकारी के घर पर दबिश दी है | उसके घर से पुलिस ने 100 चेक बुक बरामद किया है।

पुलिस के मुताबिक विभिन्न बैंकों की चेक बुक के खाते ज्योतिर्मय विजयवर्गीय, उसकी पत्नी, घर में काम करने वाले नौकर और अन्यू दूसरे लोगों के नाम पर भी हैं। उनमें कई चेक ऐसे हैं, जो लाखों रुपये के काटे गए हैं। उनके मुताबिक कई चेक पर साइन भी किया हुआ है। पुलिस ने बताया कि ये फर्जी आईपीएस ज्योतिर्मय विजयवर्गीय इंदौर के शालीग्राम टाउनशिप में रहता है।

एसटीएफ एसपी गीतेश गर्ग के मुताबिक जाँच के दौरान पाया गया कि यह ठग मूल रूप से देवास का रहने वाला है। इसके पास से कुछ मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी बरामद किये गए है | जिनका उपयोग यह विभिन्न नामों से लोगों को फोन करने के लिए करता था। एसपी ने कहा कि पूरी तरह से यह फ्रॉड आदमी है। उन्होंने बताया कि इंदौर में पहले से भी इसके ऊपर ठगी के कई मामले दर्ज है।

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एसटीएफ एसपी के मुताबिक इस फर्जी आईपीएस के पास एक फॉर्च्यूनर गाड़ी जब्त की गई है। जाँच में यह पाया गया कि इसे भी उसने जिस व्यक्ति से खरीदा है, उसे भी इसके पैसे नहीं दिए हैं। उन्होंने बताया कि इस गाड़ी की खरीदी के बदले उस व्यक्ति को दिए गए चेक बाउंस हो चुके है। बताया जाता है कि फर्जी आईपीएस अधिकारी की गिरफ्तारी तब हुई है, जब वह इंदौर से भोपाल आ रहा था। इस दौरान एक टोल नाके उसने कुछ लोगों को परिवहन विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा दिया था | इस दौरान उसकी असलियत से वाकिफ कुछ लोगों ने पुलिस को उसकी ठगी की जानकारी दी | दिलचस्प बात यह है कि खुद को आईपीएस बताने वाला यह फर्जी अफसर गिरफ्तार होने से पहले कई टोल कर्मियों को चूना लगा चूका था |