दिलचस्प खबर, राजेश ने सोनिया को किया आत्मसात, इंजीनियर होने के बावजूद लिंग परिवर्तन में करने में दिखाई रूचि, तीन साल बाद हुआ खुलासा, पसोपेश में रेलवे मंत्रालय   

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रिपोर्टर – अदिती 

गोरखपुर वेब डेस्क / उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक शख्स ने जब रेलवे में नौकरी शुरू की तब वो पुरुष था लेकिन चंद दिनों में ही उसने अपना लिंग  परिवर्तन कर लिया | पुरुष से महिला बने इस शख्स के लिंग निर्धारण को लेकर रेलवे मंत्रालय सोच में पड़ गया है | इस शख्स की नौकरी की वैधानिकता को लेकर सवाल खड़ा हो गया है | दरअसल पुरुष कोटे से मिली नौकरी आखिर कैसे महिला कोटे में समाहित होगी | इसे लेकर माथापच्ची हो रही है | दरअसल गोरखपुर रेलवे डिवीजन में यह शख्स इंजीनियर के पद पर काम करता है और तीन साल पहले उसने अपना लिंग परिवर्तन करा लिया था। सरकारी दस्तावेज में वह अभी तक पुरुष ही था, जिसे अब तीन साल बाद रेलवे ने महिला मानने को विचार किया है। 

इस रेलवे इंजीनियर का नाम पहले राजेश पांडे था, ये तीन साल से रेलवे के रिकॉर्ड में महिला बनने की लड़ाई लड़ रहे थे। अब लिंग परिवर्तन के बाद कागजात में पुरुष से महिला बनने के लिए जद्दोजहद सफल होती प्रतीत हो रही  है। राजेश का नाम अब सोनिया हो गया है लेकिन रेलवे की रिकॉर्ड में इनका बस लिंग परिवर्तन हुआ है, अभी नाम नहीं बदला गया है। कुछ दिन पहले मुख्य कारखाना प्रबंधक इज्जतनगर ने कार्मिक विभाग को पत्र लिखकर कहा था कि रेलवे बोर्ड का अंतिम आदेश आने तक राजेश पांडे को महिला माना जाए। इसी निर्देश के बाद राजेश पाण्डेय उर्फ सोनिया के पास और मेडिकल कार्ड में लिंग बदलकर पुरुष से महिला दर्ज कर दिया गया है। मामले का पेंच बाबूगिरी में फंस गया है |  

बताया जाता है कि राजेश पांडे इज्जतनगर के मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में कार्यरत तकनीकी ग्रेड-एक के पद पर तैनात हैं। उन्होंने अफसरों से गुहार लगाई थी कि उन्हें रेलवे के रिकार्ड में उनका लिंग महिला दर्ज कर दिया जाए। मामला अनोखा होने के कारण इज्जतनगर मंडल ने इस मामले को पूर्वोत्तर रेलवे के जीएम कार्यालय से दिशा-निर्देश मांगा था। जीएम ने यह मामला बोर्ड को भेज दिया। आखिरकार रेलवे ने राजेश को मेडिकल कार्ड पर लिंग महिला दर्ज कर दिया। मुख्य कारखाना प्रशासन ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर जेंडर डिस्फोरिया (एक लिंग से दूसरे लिंग की चाह) के तहत महिला की पहचान दी है। लेकिन मामला क़ानूनी दावपेंचो में उलझा है |

सोनिया को पिता की मृत्यु के बाद मृतक आश्रित कोटे के तहत 2003 में बरेली के वर्कशॉप में इंजीनियर की नौकरी मिली थी। राजेश की शादी 2012 में बड़े धूमधाम से हुई थी लेकिन छह महीने बाद ही वे अपनी पत्नी से अलग हो गए | इस घटना के दो साल बाद उन्होंने अपनी पत्नी से तलाक ले लिया। इसके बाद उन्होंने बरेली के कई सेक्सोलॉजिस्ट से संपर्क किया।यहाँ से वह दिल्ली रिफर किये गए | दिल्ली में सर्जरी करवाकर उन्होंने अपना लिंग परिवर्तन करवा लिया। इसके बाद दिसंबर 2017 में सर्जरी करवा कर वह वापस बरेली आ गए लेकिन अब राजेश से वो सोनिया बन चुके थे | फ़िलहाल इस मामले को लेकर रेलवे मंत्रालय क़ानूनी किताबों में खोया है |