
दिल्ली / रायपुर : – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री समेत आधा दर्जन से ज्यादा अफसरों की विदेश यात्रा को लेकर दिल्ली में प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर है। मुख्यमंत्री के साथ बतौर प्रतिनिधिमंडल में शामिल अफसरों की विदेश यात्रा को सुलभ और सुगम बनाने के लिए रेजिडेंट कमिश्नर के कार्यालय से भी अंतिम रूप दे दिया गया है, इस बीच प्रदेश के मौजूदा चीफ़ सेकेट्री की इस यात्रा को लेकर गहमा – गहमी देखी जा रही है। बताया जा रहा है कि विदेश दौरे से लौटने के चंद हप्तों के भीतर ही मौजूदा चीफ सेकेटरी का ” एक्सटेंशन” भी ख़त्म हो जायेगा। ऐसे में उनकी विदेश यात्रा के औचित्य को लेकर सवालियां निशान लग रहा है। जानकारी के मुताबिक सीएम विष्णु देव साय 21 से 31 अगस्त तक विदेश दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे जापान और दक्षिण कोरिया जाएंगे। यह भी बताया जाता है कि मंत्रिमंडल विस्तार की तमाम औपचारिकता पूर्ण करने के बाद मुख्यमंत्री साय 21 अगस्त की सुबह रायपुर से दिल्ली के लिए रवाना होंगे। यहाँ बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मेल – मुलाकात के बाद देर शाम वे दिल्ली से जापान के लिए रवाना होंगे। जापान यात्रा के बाद मुख्यमंत्री और उनका प्रतिनिधिमंडल दूसरे चरण में दक्षिण कोरिया की यात्रा पर जाएगा।

जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में उद्योग अधोसंरचना क्षेत्र में विदेशी सहयोग और साझेदारी को लेकर कई बड़े क़रार की सम्भावना जताई जा रही है। मुख्यमंत्री साय ने हालियां नई उद्योग नीति को मंजूरी दी थी। इसे पुख्ता बनाने की दिशा में वे लगातार कार्यरत बताये जाते है। राज्य सरकार ने विदेशों में इस आदिवासी बाहुल्य राज्य के विकास को लेकर कई बैठकें भी सुनिश्चित की है। यह भी बताया जाता है कि विदेश दौरा सीआईए का आयोजन है। इस दौरे से निवेश बढ़ाने के आसार जाहिर किये जा रहे है। नई उद्योग नीति के सकारात्मक परिणामों से बीजेपी सरकार को निवेश की अपार संभावनाएं नजर आ रही हैं। मुख्यमंत्री साय प्रयास कर रहे है कि प्रदेश की अधोसंरचना के विकास में विदेशी उद्योगपति भी दिलचस्पी दिखाए | लिहाजा नए निवेश को लेकर मुख्यमंत्री इस यात्रा के दौरान चुनिंदा उद्योगपतियों से भी मुलाकात करेंगे। भविष्य की बुनियाद मजबूत करने के सरकारी प्रयासों से लबरेज इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल अफसरों की भी मौजूदगी खासी महत्वपूर्ण बताई जाती है।

यह भी बताया जाता है कि प्रतिनिधिमंडल में मौजूदा चीफ सेकेट्री को छोड़
विदेश यात्रा करने वाले शेष सभी अफसरों की सेवा निवृति की अवधि अभी कई साल बाकी है। ऐसे में विदेश यात्रा के उनके अनुभवों का लाभ प्रदेश को प्राप्त होना सुनिश्चित बताया जाता है, लेकिन सेवा निवृति के चंद दिनों पूर्व इतने महत्वपूर्ण दौरे में भावी चीफ सेकेट्री की ”गुमशुदगी” का मामला खूब सुर्खियां बटोर रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री और उनके प्रतिनिधिमंडल की जापान और दक्षिण कोरिया यात्रा को लेकर आधिकारिक रूप से कोई जानकारी राज्य की ओर से अभी प्राप्त नहीं हुई है।

छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 30 नवंबर 2020 को 12वें मुख्य सचिव के रूप में मौजूदा चीफ सेकेट्री को पदस्थ किया था। प्रदेश में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में वर्ष 2023 में सत्ता में आई बीजेपी की भी मौजूदा चीफ सेकेट्री पहली पसंद बने रहे। उन्हें बीजेपी सरकार ने 30 Jun 2025 को सेवा निवृति की अवधि पूर्ण करने के बावजूद रिटायर नहीं किया था बल्कि 3 माह का एक्सटेंशन तोहफ़े में भेंट कर उनकी प्रशासनिक क्षमता का लोहा माना था। उनके चीफ सेकेट्री पार्ट – 2 की कहानी भी बड़ी दिलचस्प बताई जाती है।

मौजूदा चीफ सेकेट्री के रिटायर होने वाले दिवस मुख्यमंत्री साय कैबिनेट की बैठक भी संयोगवश तय थी। माना जा रहा था कि केबिनेट बैठक का समापन चीफ सेकेट्री की विदाई के साथ संपन्न होगा और नए मुख्य सचिव का ऐलान किया जायेगा ? लेकिन प्रशासनिक हलकों की बेचैनी उस समय बढ़ गई जब पता पड़ा की बीजेपी सरकार की सिफारिश पर ऐन वक्त में केंद्र से रिटायर होने वाले CS के सर्विस एक्सटेंशन की मंजूरी मिल गई है, 3 महीने के लिए एक्सटेंशन दिया गया है।

1989 बैच के मौजूदा चीफ सेकेट्री के रिटायरमेंट के अंतिम दिन साय सरकार के इस फैसले ने लोगों को चौंका दिया था। प्रदेश में इस तरह का यह पहला अवसर था, जब किसी मुख्य सचिव को अंतिम क्षणों में एक्सटेंशन दिया गया था। मुख्यमंत्री साय 31 अगस्त की शाम को दिल्ली लौटेंगे। जबकि इसी दिन मौजूदा चीफ सेकेट्री का कार्यकाल भी उनके रायपुर पहुंचने से पूर्व अंतिम सांसे गिन रहा होगा। मौजूदा चीफ सेकेट्री के कार्यकाल में प्रदेश में 3200 करोड़ का शराब घोटाला, 15 हजार करोड का महादेव एप्प सट्टा घोटाला, 5 हजार करोड़ का चांवल घोटाला, 700 करोड़ का कोल खनन परिवहन घोटाला, 2 हजार करोड़ का राजीव मितान क्लब घोटाला, 500 करोड़ का DMF घोटाला, 2000 करोड़ का दवा घोटाला, गाय – गोबर एवं चारागान समेत अन्य कई भ्रष्टाचार के मामले सामने आये थे। इन मामलों की जाँच में IT – ED, सीबीआई और ACB / EOW जैसी एजेंसियां जुटी हुई है। कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी गंभीर जाँच के घेरे में है, कई अफसर और कारोबारी तो जेल की हवा तक खा रहे है। इन मामलो में मौजूदा चीफ सेकेट्री की जिम्मेदारी तय होने के बजाय उनकी सैर – सपाटा यात्रा की उड़ान देखते ही बन रही है।

छत्तीसगढ़ पीएससी जैसा संगीन घोटाले को भी रोक पाने में मौजूदा चीफ सेकेट्री फिसड्डी साबित हुए थे। उनके कार्यकाल को घोटालों की सरकार का नारा देने के मामले में बीजेपी के तत्कालीन नेताओं ने कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। ऐसी घटनाओं के बावजूद मौजूदा चीफ सेकेट्री के प्रति सरकारी ”प्रेम” की गाथाएं आम लोगों की जुबान पर है। फ़िलहाल प्रदेश के भावी CS के बजाय चंद दिनों में रिटायर होने वाले मौजूदा चीफ सेक्रेटरी की यह विदेश यात्रा विकास की नई राह तय कर रहे इस प्रदेश के लिए कितनी फलदायी साबित होगी ?प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।