भोपाल वेब डेस्क / भोपाल,पुलिस मुख्यालय ने कोरोना संक्रमण के दौरान पुलिस प्रशिक्षण को सुचारू रखने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी की आधुनिक तकनीकों के अधिकतम सद्उपयोग का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। विशेष पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) पवन जैन ने बताया कि चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए पुलिस बल का सुप्रशिक्षित होना आवश्यक ही नहीं अनिवार्य भी है। कोरोना संक्रमण के इस अप्रत्याशित दौर में संक्रमण से बचाव के साथ-साथ प्रशिक्षण को सुचारू रखना एक बड़ी चुनौति था किन्तु ”जहाँ चाह-वहाँ राह” को सार्थक करते हुए पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी के मार्गदर्शन में पीएचक्यू के प्रशिक्षण प्रभाग ने आधुनिक तकनीकों के माध्यम से प्रशिक्षण को सुचारू रखने का उल्लेखनीय काम किया है।
सहायक पुलिस महानिरीक्षक (प्रशिक्षण) मलय जैन ने बताया कि 26 जून को लैंगिक संवेदनशीलता (Gender sensitization) विषय पर मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन वेबिनार के माध्यम से किया गया। इसमें शैफील्ड हॉलम यूनिवर्सिटी यू.के. की प्रोफेसर सुनीता तूर का व्याख्यान हुआ।
इसी प्रकार 25 जून को भावनात्मक बुद्धिमता विषय पर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस मुम्बई की श्रीमती शमीम मोदी तथा 23 जून को नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार तथा क्रिमनोलॉजी एवं क्रिमिनल जस्टिस के प्रोफेसर डॉ.जी.एस.वाजपेयी ने विक्टिमोलॉजी विषय पर व्याख्यान दिया। सहायक पुलिस महानिरीक्षक जैन ने बताया कि प्रशिक्षण की इस आधुनिक तकनीक से जहाँ राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षकों का मार्गदर्शन पाना आसान हुआ है
वहीं मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय की इस पहल से देश के अन्य राज्यों के पुलिस अधिकारी भी लाभांवित हो रहे हैं। इन ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशालाओं में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्रीमती अनुराधा शंकर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती रश्मि पाण्डेय, प्रदेश के सभी जिलों तथा असम, मेघालय, मिजोरम, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, केरल, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों के उप निरीक्षक से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के 104 प्रशिक्षुओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।