अहमदाबाद वेब डेस्क / गुजरात के कच्छ जिले के भुज में एक कॉलेज में गर्ल्स हॉस्टल की 60 से ज्यादा छात्राओं को माहवारी यानी पीरियड्स के सबूत के तौर पर उन्हें कपड़े उतारने पर मजबूर किए जाने के मामले को गुजरात सरकार ने गंभीरता से लिया है। 68 छात्राओं को पीरियड्स हैं या नहीं, ये साबित करने के लिए उनसे इनरवियर उतरवाए गए थे। मामले पर बवाल मचा हुआ है | इस पर कार्रवाई करते हुए 4 लोगों पर FIR दर्ज हो चुकी है | कॉलेज की प्रिंसिपल , हॉस्टल वार्डन के अलावा हॉस्टल की दो महिला असिस्टेंट के खिलाफ FIR दर्ज की गई है | अब इस मामले में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि सरकार ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है और गृह विभाग व शिक्षा विभाग को सख्त कार्रवाई करने के लिए आदेश जारी किए गए हैं। कल इस मामले में एफआईआर भी दर्ज हुई है।
दरअसल, कल ऐसी खबर आई थी कि गर्ल्स हॉस्टल के बाहर सैनिटरी पैड मिलने के बाद 68 लड़कियों के पीरियड्स चेक करने के लिए उनके कपड़े उतरवाए गए। इस मामले को लेकर छात्राओं में रोष है तो वहीं कॉलेज प्रशासन इस मामले को दबाने की कोशिश में लगा हुआ था।
मामला भुज के सहजानंद गर्ल्स कॉलेज का है, जहां हॉस्टल के वार्डन ने वॉशरूम में छात्राओं के पीरियड्स की जांच करने के लिए लड़कियों के कपड़े और इनरवियर तक उतरवाकर जांच की। इस मामले में कॉलेज की डीन दर्शना ढोलकिया ने कहा कि यह मामला हॉस्टल का है और इसका यूनिवर्सिटी/कॉलेज से कोई लेना-देना नहीं है। जो कुछ भी हुआ है वह लड़कियों की अनुमति से हुआ है। किसी ने भी इसके लिए लड़कियों को मजबूर नहीं किया। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब हॉस्टल के गार्डन में इस्तेमाल किया हुआ सैनिटरी पैड मिला। इसके बाद वॉर्डन को शक हुआ कि यह हॉस्टल की किसी लड़की ने ऐसा किया होगा और पैड को इस्तेमाल करने के बाद वॉशरूम की खिड़की से फेंक दिया होगा। यह पता लगाने के लिए आखिर ऐसा किस लड़की ने किया है वॉर्डन ने वॉशरूम में लड़कियों के कपड़े उतरवाकर चेकिंग की।
पीरियड्स को लेकर हॉस्टल ने नियम बना रखा है। इस नियम के मुताबिक, जिस लड़की को पीरियड्स होंगे वह हॉस्टल में नहीं रहेगी। उस युवती के
लिए हॉस्टल के बेसमेंट में रहने की जगह बनाई गई है और किसी से भी मिलेगी-जुलेगी
नहीं। इतना ही नहीं उसके किचन और पूजा स्थल में जाने पर भी मनाही है। इस दौरान
उसके खाना खाने के लिए भी बर्तन अलग है। क्लास में युवतियों को पीछे बैठने के
निर्देश दिए गए हैं। फ़िलहाल इस मामले ने तूल पकड़ लिया है |