
भारत और अमेरिका के बीच राजनयिक तनाव एक बार फिर सतह पर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस से तेल खरीदने पर भारत को 50% टैरिफ लगाने की धमकी के बाद, भारत ने भी ‘ट्रंप की भाषा’ में जवाब दिया है। भारत सरकार ने अमेरिकी कंपनी बोइंग के साथ ₹31,500 करोड़ की डिफेंस डील पर ब्रेक लगा दिया है। यह सौदा भारतीय नौसेना के लिए P-8I पोसेडन निगरानी विमानों की खरीद से जुड़ा था।
ट्रंप की धमकी पर भारत का कड़ा रुख
यह कदम केवल एक व्यापारिक निर्णय नहीं, बल्कि अमेरिका की दोहरी नीति के खिलाफ भारत का सशक्त स्टैंड है। जब यूरोपीय देश और अमेरिका खुद रूस से ऊर्जा खरीदते हैं, तो भारत की आलोचना करना तर्कहीन है। भारत ने यह साफ कर दिया कि वह अब वैश्विक दबाव में फैसले नहीं करेगा।
बोइंग को आर्थिक झटका, रोजगार पर असर
बोइंग अब तक भारत को 12 P-8I विमान बेच चुका है। लेकिन नई डील के रुकने से न केवल कंपनी को आर्थिक नुकसान होगा, बल्कि भारत में उसके 5,000 से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी और ₹15,000 करोड़ का व्यापार भी खतरे में पड़ सकता है।
स्वदेशी विकल्प की ओर भारत
इस डील के रद्द होने से भले ही नौसेना की निगरानी क्षमता पर असर पड़े, लेकिन भारत अब ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में आगे बढ़ रहा है। DRDO और HAL स्वदेशी निगरानी विमान विकसित कर रहे हैं, जिससे रणनीतिक स्वतंत्रता और लागत नियंत्रण दोनों सुनिश्चित होंगे।