
भुवनेश्वर / चांदीपुर, 20–21 अगस्त 2025: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड के तहत भारत ने ओडिशा के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज, चांदीपुर से अग्नि-5 (Agni-V) के सफल परीक्षण की सूचना दी। इस लॉन्च का उद्देश्य मिसाइल के सभी तकनीकी और ऑपरेशनल पैरामीटरों का सत्यापन बताया गया है — यह देश की रणनीतिक निवारक क्षमता को और मजबूत करने वाला कदम माना जा रहा है।
अग्नि-5 को भारत की सबसे उन्नत और लंबी दूरी की जमीन-आधारित मिसाइलों में गिना जाता है। इसकी बेस रेंज 5,000 किलोमीटर से अधिक है और आधुनिक संस्करणों में MIRV (Multiple Independently targetable Re-entry Vehicle) तकनीक लागू की जा चुकी है, जिससे एक ही मिसाइल से एक साथ कई लक्ष्यों पर वार संभव है — यह क्षमता भारत को छोटे-समय में उच्च प्रभाव देने की सुविधा देती है।
प्रमुख विशेषताएँ — एक नजर
रेंज: 5,000 किलोमीटर से अधिक; कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार इसे 7,000+ किमी तक बढ़ाये जाने की क्षमता भी बताई जाती है।
वॉरहेड क्षमता: परम्परागत रिपोर्टों के अनुसार ~1.5 टन तक नाभिकीय वॉरहेड या विभिन्न वेरिएंट में अधिक भार सम्भव। DRDO बंकर-बस्टर (कॉन्वेंशनल) वर्जन पर भी काम कर रहा है जो भारी (कई टन) वारहेड ले सकेगा।
स्पीड: अंतिम चरण में यह ध्वनि की गति का लगभग 24 गुणा (Mach-24) तक की गति प्राप्त कर सकती है — उच्च गति इसे इंटरसेप्शन के लिए कठिन बनाती है।
प्रणाली: तीन-स्टेज सॉलिड-रॉकेट मोटर, कैनिस्टर आधारित लॉन्च (canisterised), और रोड-मोबाइल प्लैटफॉर्म। इससे तैनाती और ट्रांसपोर्ट आसान होता है।
नेविगेशन और सटीकता: रिंग-लेज़र गाइरोस्कोप/इर्टियल सिस्टेम्स के साथ मल्टी-GNSS सहायता — उच्च सटीकता।
MIRV और बंकर-बस्टर वर्ज़न — क्या नया है?
सरकारी और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार Agni-V के MIRV परीक्षण सफल रहे हैं — यानी अब मिसाइल एक से अधिक स्वतंत्र वॉरहेड/री-एंट्री यूनिट को अलग-अलग लक्ष्यों पर भेजने में सक्षम है। यह तकनीक प्रतिद्वंदी के रक्षा-नेटवर्क को अधिक चुनौतीपूर्ण बनाती है। साथ ही DRDO अग्नि-5 के एक गैर-न्यूक्लियर बंकर-बस्टर वेरिएंट पर भी काम कर रहा है, जिसमें भारी पारंपरिक वॉरहेड (कुछ रिपोर्टों में ~7,500 किग्रा तक का जिक्र) और गहराई में जाकर लक्ष्य उड़ा सकने वाली क्षमता विकसित करने की तैयारी है — यह वर्ज़न एयरबेस, रनवे या भूमिगत कमांड-स्ट्रक्चर जैसे सख्त लक्ष्यों के खिलाफ उपयोगी होगा।
रणनीतिक मायने और अंतरराष्ट्रीय संदर्भ
अग्नि-5 के सफल परीक्षण से भारत की निहित रणनीति — ”क्रेडिबल मिनिमम डिटेरेंस” — को और मजबूती मिली है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी रेंज और MIRV क्षमता विशेषकर चीन तथा क्षेत्रीय समकक्षों के प्रति रणनीतिक बैलेंस प्रभावित कर सकती है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा-पृष्ठभूमि में नई गतिशीलताएँ उभर सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी इसके परीक्षण को व्यापक रूप से कवर किया है।
क्या आगे देखने को मिलेगा?
रिपोर्टों के अनुसार अग्नि-5 के और परीक्षण और वैरिएंट-विकास की संभावनाएँ बाकी हैं — खासकर बंकर-बस्टर वर्ज़न और MIRV-कम्पलीटेशन केटीuning के संदर्भ में। भविष्य में इन प्रणालियों की निर्णायक तैनाती और रणनीतिक नियोजन पर ही वास्तविक असर स्पष्ट होगा।