दिल्ली में दिखा भारत का दम, राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में जबरदस्त उत्साह, दुनिया ने देखी भारत की ताकत और सांस्कृतिक विरासत की झलक, छत्तीसगढ़ समेत आधा दर्जन राज्यों की झाँकी ने लोगों का मन मोह लिया, देखे तस्वीरें

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नई दिल्ली / देश में आज 72वां गणतंत्र दिवस की धूम है। तमाम राज्यों से लेकर देश की राजधानी दिल्ली की संसद से लेकर सरहद तक जश्न का माहौल है। गणतंत्र दिवस पर हर साल राजपथ पर होने वाली परेड देश – दुनिया के लिए आकर्षण होती है। राजपथ पर कई राज्यों ने अपनी लोक संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत की झलक दिखाई। कोरोना महामारी के कारण इस बार परेड की दूरी कम कर दी गई है। पहले परेड 8.2 किमी लंबी होती थी। ये विजय चौक से लालकिले तक जाती थी। लेकिन इस बार 3.3 किमी लंबी रही। विजय चौक से नेशनल स्टेडियम तक ही समारोह आयोजित किया गया। लद्दाख के बाद गुजरात और असम की झांकी दिखाई गई |

गणतंत्र दिवस की परेड में पहली बार लद्दाख की झांकी दिखाई गई। इसमें सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया गया। गणतंत्र दिवस पर एनसीसी गर्ल्स कैडेट्स ने मार्च पास्ट किया | छत्तीसगढ़ की झाँकी में आदिवासियों का कला प्रदर्शन भी काफी सराहा गया।  

इस बार उत्तर प्रदेश की झांकी भी खास है। इसमें राम मंदिर की झलक को दिखाया गया है। उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक शहर को अयोध्या के राजा ब्रह्मा के पुत्र मनु ने बसाया था, इसे ही अयोध्या कहा गया और इसमें अष्टाचक्र नवाद्वार है जिसका वर्णन अथर्ववेद में मिलता है।

वाल्मिकी कृत रामायण में अयोध्या को भगवान राम का जन्म स्थान बताया गया है, पूरे विश्व में अयोध्या को राम जन्मभूमि होने के कारण सनातन संस्कृति का प्रतीक माना जाता है। आज इस राज्य की झांकी में अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत, मूल्यों और सुंदरता को दिखाया जा रहा है। पहले भाग में महर्षि वाल्मिकी को रामायण की रचना करते दिखाया जा रहा है।

राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में डीआरडीओ ने भी अपने बनाए हथियारों की झांकी दिखाई।रेगिस्तान का जहाज कहे जाने वाले ऊंटों की भारतीय सेना की बीएसएफ में अपनी अलग ही पहचान है। ऊंटों की ये टोली सीमा की सुरक्षा में तैनात रहने के अलावा राजपथ पर होने वाली परेड में भी हिस्सा लेकर अपनी महत्ता दिखाती है। इस बार भी बीएसएफ में ऊंटों के दस्तों ने राजसी वेशभूषा में मार्च पास्ट किया। 

वायुसेना के मार्चिंग दस्ते के बाद वायुसेना की झांकी राजपथ पर सलामी मंच के सामने से जब गुजरी तो लोगों ने जमकर तालियां बजाई। झांकी में लड़ाकू विमान SU30 MK1 को दिखाया गया है। झांकी में रोहिणी रडार का भी मॉडल शामिल किया गया है। इस झांकी की थीम शान से आसमान को छुते हुए रखी गयी है. वायुसेना की झांकी में महिला फाइटर पायलट भी मौजूद हैं। 

नौ सेना की झांकी में 1971 के युद्ध में नौसेना के प्रमुख योद्धाओं की प्रदर्शन मंजूषा को दिखाया गया है। आईएनस विक्रांत को सी हॉक और अलाइज एयरक्राफ्ट के साथ फ्लाइंग ऑपरेशन में भाग लेते हुए दिखाया गया है। राजपथ पर नौ सेना की झांकी भी दिखाई गई। झांकी के पहले भाग में भारतीय नौसेना द्वारा 04-05 दिसंबर 1971 की रात को मिसाइल बोट्स द्वारा कराची बंदरगाह पर हमले को दर्शाया गया। झांकी के दोनों तरफ हमलावर यूनिटों द्वारा अपनाए गए मार्ग को दर्शाया गया। 

140 एयर डिफेंस रेजिमेंट की कैप्टन प्रीति चौधरी ने अपग्रेडेड शिल्का वेपन सिस्टम की झांकी दिखाई। राजपथ पर 841 रॉकेट रेजिमेंट की पिनाका मल्टी लॉन्चर रॉकेट सिस्टम की झलक दिखाई गई। इसका नेतृत्व कैप्टन विभोर गुलाटी ने किया। 214 mm पिनाका दुनिया की सबसे एडवांस रॉकेट सिस्टम में शामिल है। 400 किलोमीटर की मारक क्षमता रखने वाला ब्रह्मोस मिसाइल देश की आन बान शान का प्रतीक है जिसकी गति ध्वनि की रफ्तार से भी तीन गुणा ज्यादा है। 

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