दिल्ली / भारत कोरोना वायरस वैक्सीन डिवेलप करने की हरसंभव कोशिश के साथ-साथ दुनिया पर भी नजर बनाए हुए है | देश की नजर उन 13 वैक्सीन पर है जो ट्रायल फेज में हैं या फिर जिन पर काम चल रहा है | दूसरी देश की वैक्सीन बनने पर उसे भारत के लोगों के लिए कैसे खरीदा जाए इस पर अब विचार शुरू हो चुका है |
भारत सबसे पहले जिन दो विदेशी वैक्सीन को खरीदना चाहता है उसमें ब्रिटेन की ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और अमेरिका की मॉडर्ना कंपनी की वैक्सीन शामिल है | फिलहाल रूस ने पहली कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा तो किया है लेकिन अभी भारत उसके ट्रायल रिजल्ट का इंतजार कर रहा है | इनके अलावा 9 और वैक्सीन डिवेलपमेंट प्रोग्राम्स पर भारत की नजर है | इसमें जर्मनी और इजरायल द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन भी शामिल हैं | दूसरी तरफ भारत बायोटेक और जायडस कैडिला की देसी वैक्सीन की कीमत कितनी रखी जाए, ट्रायल होने पर कैसे लॉन्च किया जाए इस पर भी विचार विमर्श हो रही है |
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भारत में बन रहीं कोरोना वैक्सीन पर नजर रखने के लिए नैशनल एक्सपर्ट ग्रुप बनाया गया है | इसमें नीति आयोग के वीके पॉल, हेल्थ सेक्रेकटरी राजेश भूषण भी शामिल हैं | इनकी आज दोपहर 3.30 बजे अहम बैठक होनी है | इसमें वैक्सीन खरीदने, उनकी कीमत तय करने जैसी जरूरी बातों पर विचार होगा | इसमें अदार पूनावाला सीरम इंस्टिट्यूट, कृष्णा इला भारत बायोटेक, पंकज पटेल जायडस कैडिला को बुलाया गया है | भारत बायोटेक और जायडस कैडिला देसी कोरोना वैक्सीन बना रही हैं | वहीं सीरम इंस्टिट्यूट को ऑक्सफर्ड की दवा प्रोडक्शन का काम दिया जाएगा |