Home International नए कोरोना स्ट्रेन के बीच भारत का बड़ा फैसला , ब्रिटेन से आने वाली सभी...
नई दिल्ली / ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया रूप सामने आने के बाद भारत सरकार ने ऐहतियाती कदम उठाए हैं। यूनाइटेड किंगडम से भारत आने वाली या जाने वाली सभी फ्लाइट्स 22 दिसंबर की रात 11.59 बजे से लेकर 31 दिसंबर की रात 11.59 बजे तक स्थगित रहेंगी। सरकार ने यह कदम यूके में नए स्ट्रेन के सामने आने से उपजे हालात को देखते हुए लिया है।
ब्रिटेन में कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन या टाइप मिलने के बाद से पूरी दुनिया ने कोविड-19 को लेकर ब्रिटेन से संपर्क तोड़ना शुरू किया है। भारत ने भी इस दिशा में कदम उठाते हुए ब्रिटेन से आने वाली सभी फ्लाइट्स को 31 दिसंबर रात 12:00 बजे तक के लिए रद्द कर दिया है। वहीं, भारत से ब्रिटेन (India to Britain) जाने वाली सभी फ्लाइट्स भी 31 दिसंबर तक उड़ान नहीं भरेगी। यह फैसला 22 दिसंबर की रात से ही लागू होगा। भारत सरकार ने अहम फैसला लेते हुए ब्रिटेन से 22 दिसंबर तक आने वाले सभी यात्रियों को आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाना अनिवार्य कर दिया है। बता दें कि खतरनाक स्तर के संक्रमण को लेकर ब्रिटेन में हड़कंप मचा है। ब्रिटेन की सीमा से लगने वाले देशों ने पूरी तरह से खुद को अलग कर लिया है।
इंग्लैंड के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस के एक नए “बेकाबू” प्रकार (स्ट्रेन) के तेजी से पांव पसारने के बीच जर्मनी, इटली, बेल्जियम, डेनमार्क, बुल्गारिया, आयरिश रिपब्लिक, तुर्की और कनाडा के ब्रिटेन से विमानों की आवाजाही पर रोक लगाने के बाद फ्रांस ने भी ब्रिटेन के लिये अपनी सीमाएं बंद करने का फैसला किया है। भारत में हालांकि अभी ब्रिटेन जाने या वहां से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध नहीं लगाया है हालांकि यात्रियों को कड़ी जांच के साथ ही स्व-पृथकवास के नियमों का भी पालन करना होता है। ब्रिटेन में श्रेणी-4 के सख्त लॉकडाउन को लागू किया गया है और सभी अनावश्यक यात्राओं व कार्यक्रमों पर प्रतिबंध है। जिन अन्य देशों और क्षेत्रों ने ब्रिटेन की यात्रा पर प्रतिबंध लगाया है उनमें हांगकांग, इजराइल, ईरान, क्रोएशिया, अर्जेंटीना, मोरक्को, चिली और कुवैत शामिल हैं।
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा, “सभी को, खास तौर पर श्रेणी-4 के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को संयम बरतने की जरूरत है क्योंकि वे संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं- यही एक मात्र तरीका है, जिससे हम इसे नियंत्रण में लाने जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि स्थिति “बेहद गंभीर” है और सरकार एक “बेकाबू” वायरस के नए स्वरूप को रोकने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, “यह एक जानलेवा बीमारी है, हमें इसे नियंत्रण में रखने की जरूरत है और इस नए स्वरूप ने इस काम को और मुश्किल बना दिया है।” वायरस का यह नया स्वरूप 70 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है, यद्यपि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कोई साक्ष्य नहीं हैं कि यह ज्यादा जानलेवा है या टीके को लेकर यह अलग तरह की प्रतिक्रिया देगा।