ब्रिटेन में भारतीयों की मौत का आंकड़ा ऊँचे पायदान पर, 80 दिन में 2225 विदेशी नागरिकों की मौत, मृतकों में सबसे ज्यादा भारतीय, स्वदेश वापसी के लिए सक्रिय हुए भारतीय 

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दिल्ली वेब डेस्क / ब्रिटेन में भारतीयों का  बुरा हाल है | वो वतन वापसी की राह तक रहे है | कोरोना वायरस महामारी से पिछले 80 दिन में 2225 दूसरे देशों के नागिरकों की मौत हुई है जिसमें सबसे ज्यादा भारतीय शामिल हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ब्रिटेन में 418 भारतीय, 404 कैरेबियाई और 292 पाकिस्तानी नागरिकों की मौत हुई है। मरने वाले भारतीयों में सर्वाधिक गुजरात ,पंजाब और तमिलनाडु के है | 
ब्रिटेन में रह रहे दूसरे देशों के लोगों को अश्वेत, एशियाई और अल्पसंख्यक जातीय समूह (बीएएमई) कहा जाता है। एनएचएस की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में 17 अप्रैल तक कोरोना वायरस से 13,918 लोगों की मौत हुई। जिसमें 16.2 फीसदी गैर ब्रिटिश यानी बीएएमई के लोग हैं। 

बताया जा रहा है कि बीएएमई समूह के लोगों की मौत की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है क्योंकि अभी केवल अस्पतालों में कोरोना से हुई मौतों के आंकड़े जारी किए गए हैं। बता दें कि ब्रिटेन में 29 जनवरी को कोरोना का पहला मरीज मिला था। 

ब्रिटेन 6.78 करोड़ की आबादी वाला देश है। इसमें 13 फीसदी बीएएमई समूह के लोग हैं। ये लोग या इनके पूर्वज सालों पहले ब्रिटेन में आकर बस गए थे। ब्रिटेन में 18 लाख भारतीय हैं। स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा है कि बीएएमई समूह के लोगों की अधिक अनुपात में हुई मौतों पर सरकार गंभीर है। 

द ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन के अध्यक्ष डॉ. रमेश मेहता ने कहा कि वह यह शोध कर रहे हैं कि कैसे बीएएमई समूह पर कोरोना का इतना ज्यादा असर हुआ है। उधर भारत वापसी के लिए रोजाना सैकड़ो भारतीय विशेष विमान के लिए एयरपोर्ट का चक्कर काट रहे है | लेकिन उनके उम्मीद पर पानी फेर दिया |