हथियारों के मामले में अब भारत बनेगा ‘आत्मनिर्भर’, राइफल से लेकर मिसाइल तक के कारखाने, 101 घातक हथियारों की फ़ैक्ट्री

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दिल्ली / प्रधानमंत्री मोदी से पूर्व देश के तमाम प्रधानमंत्री हथियारों के मामले में विदेशों पर निर्भर थे | असॉल्ट राइफल, आर्टिलरी गन, रडार, हल्के जंगी हेलिकॉप्टर या सेना के लिए उपयोग आने वाले रक्षा उपकरण, इन्हे विदेशों से खरीदना होता था | आमतौर पर अमेरिका, रूस, चीन, इजराइल और फ़्रांस से कई रक्षा उपकरण भारत मंगाता था | लेकिन अब हमारा देश रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है | इस दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ाते हुए भारत ने ऐसे 101 रक्षा सामानों के आयात पर रोक लगा दी है | दरअसल भारत अब अपनी जरूरत के इन सामानों और हथियारों को खुद बनाएगा | केंद्र सरकार द्वारा घोषित ये रोक चरणबद्ध तरीके से दिसंबर 2025 तक लागू रहेगी | इस अवधि में भारत हथियारों के निर्माण को लेकर अपने कारखाने विकसित कर लेगा |

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. हाल ही में लॉकडाउन के दौरान अपने एक संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई 2020 को आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया था. पीएम की इस अपील पर काम करते हुए सैन्य मामलों के मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने 101 सामानों की लिस्ट बनाई है | अब इनके आयात पर रोक लगाई गई है | 101 उपकरणों और हथियारों की सूची में से 69 के आयात पर तो दिसंबर 2020 से ही रोक लग जाएगी.

रक्षा मंत्रालय के इस फैसले के साथ ही भारत अब घातक हथियारों खासकर आर्टिलरी गन, जमीन से हवा में मार करने वाली छोटी दूरी की मिसाइलें, शिप से छोड़ी जा सकने वाली क्रूज मिसाइलें, असॉल्ट राइफल, हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर, रडार, बैलेस्टिक हेलमेट, बुलेट प्रूफ जैकेट और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का आयात नहीं करेगा | नई रक्षा नीति और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इन्हें स्वदेश में ही निर्मित किया जायेगा |

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि आयात पर रोक लगाने से पहले इस पर मंथन किया गया है कि सेना की ऑपरेशनल एक्टिविटी प्रभावित न हो और इन सामानों को तय समयसीमा के तहत भारत में ही तैयार किया जा सके | रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक लगाने की योजना को 2020 से 2024 के बीच धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, ताकि किसी भी हालत में सेना की कार्यक्षमता प्रभावित न हो, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस रोक की वजह से भारत में डिफेंस सेक्टर में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे, क्योंकि भारत इन सामानों का उत्पादन अपने यहां ही करेगा.

जानकारी के मुताबिक दिसंबर 2021 के बाद भारत व्हील्ड आर्मर्ड फाइटिंग व्हीकल, लाइट मशीन गन, असॉल्ट राइफल, माइन एंटी टैंक, माइन एंटी पर्सनेल ब्लास्ट, ग्रेनेड जैसे उच्च तकनीक के आयात पर भी रोक लगा देगा | सरकार की माने तो इसका देश में ही उत्पादन शुरू हो जायेगा | दिसंबर 2022 तक भारत अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, हल्के रॉकेट लॉन्चर के आयात पर रोक लगा सकता है |

यह भी बताया जा रहा है कि दिसंबर 2023 तक Beyond Visual Range Air to Air मिसाइल, कम्यूनिकेशन सैटेलाइट जीसैट-7C, बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट के आयात पर रोक लगाई जा सकती है | यही नहीं दिसंबर 2024 से भारत छोटे जेट इंजन के आयात पर प्रतिबंध भी लगा सकता है | दिसंबर 2025 से भारत लंबी दूरी के लैंड अटैक क्रूज मिसाइल की खरीदारी भी रोक लगा सकता है |

बताया जाता है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में इस बार के रक्षा बजट में 52000 करोड़ की भारी रकम घरेलू बाजारों से रक्षा उपकरणों की खरीदारी के लिए आवंटित की है. एक अनुमान के मुताबिक सरकार द्वारा इस पॉलिसी को लागू करने के बाद अगले 6 से 7 साल में देश की घरेलू डिफेंस इंडस्ट्री को 4 लाख करोड़ का ऑर्डर मिलेगा | मोदी सरकार के लिए ही नहीं बल्कि सभी देशवासियों के लिए यह गौरव की बात है कि भविष्य में भारत भी हथियारों के बाजार वाले देशों में शामिल हो जायेगा | अभी तक चंद विकसित देश ही हथियारों के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाते है |