
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर अनिश्चितता
भारत और अमेरिका के बीच India-US trade talks में अनिश्चितता बढ़ गई है। फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए थे। लेकिन अब अमेरिका ने 25 से 30 अगस्त तक प्रस्तावित अपने व्यापार प्रतिनिधिमंडल की भारत यात्रा स्थगित कर दी है, जिससे छठे दौर की वार्ता भी टल गई।
टैरिफ विवाद और पहले चरण का समझौता प्रभावित
अमेरिका की ओर से भारत से जुड़े कई सामानों पर 25% का नया टैरिफ लगाने की तैयारी ने वार्ता को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। इससे पहले चरण के समझौते को शरद ऋतु तक पूरा करने का लक्ष्य संदिग्ध हो गया है। अमेरिकी सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच की अगुवाई वाली टीम अगस्त के अंत में भारत आ रही थी, जो बढ़ते व्यापारिक तनाव को कम करने का महत्वपूर्ण मंच माना जा रहा था।
रूस से तेल आयात को लेकर तनाव
अमेरिका ने 7 अगस्त से भारत पर 25% प्रारंभिक टैरिफ लागू किया और 27 अगस्त से रूस से आयातित तेल पर अतिरिक्त 25% शुल्क लगाने का ऐलान किया। इसका उद्देश्य भारत की रूसी तेल पर निर्भरता को रोकना और व्यापार असंतुलन कम करना बताया गया है।
भारत का रुख
भारत ने इसे अनुचित और अव्यावहारिक करार दिया है। सरकार का कहना है कि रूस से तेल खरीदना आर्थिक रूप से आवश्यक है और किसानों व ग्रामीण समुदायों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने भी स्वतंत्रता दिवस पर इस बात पर जोर दिया।
संभावित संकेत
हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप ने फॉक्स न्यूज से बातचीत में संकेत दिए कि अमेरिका संभवतः रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर द्वितीयक शुल्क नहीं लगाएगा, लेकिन यदि आवश्यक हुआ तो सेकेंडरी सैंक्शन का विकल्प खुला है।