
लंदन।
तीन साल की लंबी बातचीत और रणनीतिक तैयारियों के बाद आखिरकार 24 जुलाई 2025 को भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर हो गए। यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की मौजूदगी में लंदन में हुआ। इस मौके पर हुई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने भारत-यूके संबंधों, क्रिकेट, करी और भारतीय प्रवासी समुदाय की अहम भूमिका पर खुलकर बात की।
क्रिकेट से करी तक: रिश्तों की मिसाल
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा,
“हमारे लिए क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि जुनून है। और भारत-यूके साझेदारी भी कुछ ऐसी ही है। कभी-कभी बल्ला चूक भी जाता है, लेकिन हम हमेशा ‘स्ट्रेट बैट’ से खेलते हैं। हमारी कोशिश एक हाई-स्कोरिंग और मजबूत साझेदारी बनाने की है।”
उन्होंने क्रिकेट की भाषा में यह स्पष्ट किया कि भारत-यूके के रिश्ते पारदर्शिता, ईमानदारी और प्रतिबद्धता पर आधारित हैं।

भारतीयों ने सिर्फ करी नहीं, कमिटमेंट और क्रिएटिविटी भी दी
पीएम मोदी ने ब्रिटेन में बसे भारतीय प्रवासी समुदाय की सराहना करते हुए कहा,

“भारतीय यहां सिर्फ करी नहीं लाए, बल्कि क्रिएटिविटी, कमिटमेंट और कैरेक्टर भी लाए। उनका योगदान यूके की अर्थव्यवस्था, संस्कृति, खेल और पब्लिक सर्विस में साफ दिखता है।”
FTA से 99% भारतीय निर्यात पर मिलेगा टैक्स लाभ
इस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत भारत से ब्रिटेन को होने वाले 99% निर्यात पर आयात शुल्क या तो शून्य हो जाएगा या बहुत कम रहेगा। इसका मतलब है कि भारतीय वस्तुएं जैसे कपड़े, जूते, आईटी उत्पाद, मसाले, जैविक उत्पाद, दवाइयां और अन्य वस्तुएं अब ब्रिटेन में और अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर पहुंच सकेंगी।
ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में भारतीयों की मजबूत भागीदारी
1950 और 60 के दशक में ब्रिटेन पहुंचे भारतीयों ने रेस्तरां से शुरुआत की, लेकिन समय के साथ वे कारोबार, टेक्नोलॉजी, राजनीति और सार्वजनिक जीवन के हर क्षेत्र में छा गए। 2021 की जनगणना के अनुसार, यूके में करीब 19 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं।

ग्रांट थॉर्नटन की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मूल के 850 बिजनेस ने यूके में 50.8 अरब पाउंड का कारोबार किया और 1.16 लाख से अधिक लोगों को नौकरी दी।
बड़े भारतीय समूह जो दे रहे हैं रोजगार:
वेदांता रिसोर्सेज
हिंदुजा ग्रुप
बोपारण होल्डको
इन कंपनियों ने हेल्थकेयर, हॉस्पिटैलिटी, मैन्युफैक्चरिंग और रिटेल जैसे क्षेत्रों में हजारों नौकरियां पैदा की हैं।
निष्कर्ष:
भारत-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट केवल दो देशों के बीच व्यापारिक समझौता नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और मानवीय रिश्तों की भी जीत है। प्रधानमंत्री मोदी की ‘स्ट्रेट बैट’ वाली टिप्पणी ने इन संबंधों की पारदर्शिता और भरोसे को उजागर किया। आने वाले समय में यह समझौता दोनों देशों की अर्थव्यवस्था और साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।