नई दिल्ली/अमेठी: भारत और रूस की रणनीतिक रक्षा साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए AK-19 कार्बाइन और PPK-20 सबमशीन गन के संयुक्त उत्पादन की योजना बनाई गई है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) के तहत उत्तर प्रदेश के अमेठी में संचालित होगी।
रूस से पूर्ण तकनीकी हस्तांतरण के साथ, इन अत्याधुनिक हथियारों का स्वदेशी निर्माण न केवल भारतीय सेना की ताकत बढ़ाएगा, बल्कि “आत्मनिर्भर भारत” अभियान को भी मजबूती देगा।
AK-19 कार्बाइन:
रूसी कलाश्निकोव सीरीज की यह आधुनिक राइफल 5.56×45mm NATO कारतूस से चलती है। 3.5 किलोग्राम वजनी और 700 मिमी लंबी इस कार्बाइन की GCV 500 मीटर तक है और यह प्रति मिनट 600–700 राउंड फायर कर सकती है। नाइट विजन और एडजस्टेबल बट इसे पहाड़ी और आतंकवाद प्रभावित इलाकों में आदर्श बनाते हैं।
PPK-20 सबमशीन गन:
यह हल्की और कॉम्पैक्ट सबमशीन गन 9×19mm कारतूस का इस्तेमाल करती है। इसका वजन केवल 2.8 किलोग्राम और लंबाई 450 मिमी है। करीबी युद्ध, शहरी ऑपरेशन, और पुलिस व स्पेशल फोर्सेस के लिए यह बेहद प्रभावी हथियार है।
भारत को क्या फायदा?
सुरक्षा मजबूती: भारत की सीमाएं चीन और पाकिस्तान से सटी हैं, ऐसे में ये हथियार अहम भूमिका निभाएंगे।
आत्मनिर्भरता: आयात पर निर्भरता घटेगी, तकनीक भारत के पास रहेगी।
रोजगार सृजन: IRRPL में 90% भारतीय कर्मचारी, स्थानीय लोगों को मिलेगा काम।
निर्यात अवसर: दक्षिण एशिया, अफ्रीका और मध्य पूर्व से ऑर्डर मिलने लगे हैं।
