भारत ने अमेरिका में क्यों हायर की नई लॉबिंग फर्म?
भारत ने अमेरिका में अपनी छवि बेहतर बनाने और अमेरिकी सरकार व मीडिया से रिश्ते मजबूत करने के लिए एक नई लॉबिंग फर्म को हायर किया है। वॉशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास ने मर्करी पब्लिक अफेयर्स (Mercury Public Affairs) के साथ तीन महीने का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। इस डील की लागत 75,000 डॉलर प्रति माह होगी और यह 15 अगस्त से शुरू हो चुकी है।
फर्म की भूमिका क्या होगी?
मर्करी पब्लिक अफेयर्स भारत की ओर से अमेरिका में
- सरकार से संपर्क,
- मीडिया से संवाद,
- सोशल मीडिया रणनीति और
- डिजिटल प्रचार
जैसे कामों की जिम्मेदारी संभालेगी।
कौन लोग देखेंगे भारत का काम?
इस लॉबिंग फर्म में भारत से जुड़े मामलों को संभालने वाली टीम में कई बड़े नाम शामिल हैं –
- डेविड विटर – अमेरिका के लुइसियाना राज्य से पूर्व सीनेटर,
- ब्रायन लांजा – ट्रंप की 2020 टीम में कम्युनिकेशन डायरेक्टर,
- केविन थॉमस – न्यूयॉर्क राज्य सीनेट के लिए चुने गए पहले भारतीय-अमेरिकी।
इसके अलावा, इस फर्म के ट्रंप की चीफ ऑफ स्टाफ सुसी वाइल्स से भी अच्छे रिश्ते हैं, जो पहले इसी कंपनी में लॉबिस्ट रह चुकी हैं।
पाकिस्तान से तुलना क्यों?
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान ने अमेरिका में भारत से बेहतर लॉबिंग की है। पाकिस्तान ने ट्रंप के पूर्व बॉडीगार्ड कीथ शिलर की कंपनी को हायर किया है। यही वजह है कि भारत ने एक और नई फर्म को जोड़ा है ताकि अमेरिका में अपनी स्थिति मजबूत की जा सके।
पहले भी की थी लॉबिंग फर्म हायर
इससे पहले अप्रैल 2025 में भारत ने SHW Partners LLC को भी हायर किया था। उस फर्म का सालभर का कॉन्ट्रैक्ट 1.8 मिलियन डॉलर का है। दुनिया के कई देश अमेरिका में एक से ज्यादा लॉबिंग फर्म रखते हैं, ताकि सरकार, मीडिया और सोशल मीडिया सभी स्तरों पर मजबूत पकड़ बनाई जा सके।
