भारत में अब खुले बाजार में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराने की होड़, नवंबर तक देश में आ जाएगा कोरोना का रूसी टीका, ऑक्सपोर्ट वैक्सीन दिसंबर के पहले हफ्ते तो चीनी वैक्सीन नवंबर के पहले हफ्ते बाजार में छा जाने का दावा

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नई दिल्ली / एशिया के बाजार में चीन के बाद भारत कोरोना वैक्सीन की बिकावली का सबसे बड़ा बाजार है | देश की लगभग ढ़ाई सौ करोड़ की आबादी को कोरोना वैक्सीन लगेगी | लिहाजा कई निजी कंपनियां अपने लाभ को लेकर उत्साहित है | ऑक्सपोर्ट की वैक्सीन को छोड़ कोई भी निजी कंपनी अपनी वैक्सीन की कीमत कम करने को राजी नहीं है | हालाँकि ऑक्सपोर्ट वैक्सीन केंद्र सरकार के सहयोग के चलते प्रत्येक नागरिक को मुफ्त मुहैया होगी | इस बीच निजी कंपनियों ने भारतीय बाजार में वैक्सीन उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू कर दी है |

पहला दावा रूस का है | डॉ. रेड्डीज लैब ने भारत में कोरोना का 10 करोड़ टीका बेचने के लिए रूसी निर्माता रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (RDIF) से करार किया है| यह टीका नवंबर तक भारत में आ सकता है. इस खबर के आने के बाद बीएसई पर डॉ. रेड्डीज का शेयर 181 रुपये की मजबूती के साथ 4624.45 पर पहुंच गया है | वही चीन की निगाहे भी भारतीय बाजार पर लगी है | उसने भी नंवबर माह में अपनी वैक्सीन उतारने का दावा किया है , जबकि ऑक्सपोर्ट वैक्सीन दिसम्बर माह के दूसरे हफ्ते तक भारतीय बाजार में उपलब्ध हो सकेगी | विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी खबरे आ रही है |

खबर के अनुसार RDIF ने रूस के स्पुतनिक वी वैक्सीन के भारत में क्लिनिकल ट्रायल और वितरण के लिए Dr. Reddy’s लेबारेटरीज से समझौता किया है | इसके तहत रूसी कंपनी भारत में Dr. Reddy’s को 10 करोड़ टीके की आपूर्ति करेगी | RDIF के सीईओ किरिल डिमिट्रिव ने एक बयान में बताया कि ट्रायल सफल रहा तो यह टीका नवंबर तक भारत में उपलब्ध हो जाएगा| उन्होंने कहा कि डॉ. रेड्डीज की रूस में करीब 25 साल से कारोबारी मौजूदगी है और वह भारत की प्रमुख कंपनी है|

उन्होंने दावा किया कि ह्यूमन एडीनोवायरस ड्यूल वेक्टर प्लेटफॉर्म पर आधारित रूसी टीका भारत में कोविड-19 से सुरक्षित लड़ाई में मदद करेगा| उनके मुताबिक ह्यूमन एडीनोवायरस ड्यूल वेक्टर प्लेटफॉर्म का करीब रूस में पिछले एक दशक में करीब 250 क्लीनिकल ट्रायल किया गया है और इसका कोई भी संभावित नेगेटिव नतीजा नहीं देखा गया है|

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Dr. Reddy’s के मैनेजिंग डायरेक्टर जीवी प्रसाद ने कहा, ‘इस टीके का फेज 1 और फेज 2 का परीक्षण सफल रहा है और अब इसके तीसरे फेज का परीक्षण हम भारत में करेंगे, ताकि जरूरी नियामक शर्तों को पूरा किया जा सके |’ गौरतलब है कि रूस में 11 अगस्त को दुनिया में पहला कोरोना टीका लॉन्च किया गया था जिसका नाम स्पुतनिक वैक्सीन रखा गया| इस टीके का सिर्फ फेज 1 और फेज 2 का परीक्षण किया गया था| उधर ब्रिटिश सरकार के सहयोग से निर्मित होने वाली ऑक्सपोर्ट यूनिवर्सिटी की वैक्सीन भी अपने अंतिम ट्रायल की ओर बढ़ गई है | भारत सरकार ने उसके ट्रायल पर लगी रोक हटा ली है | उधर चीन सबसे पहले वैक्सीन उपलब्ध कराने की तैयारी में जुटा है | माना जा रहा है कि वो अक्टूबर माह के आखरी या नवम्बर माह के पहले हफ्ते में खुले बाजार में वैक्सीन उपलब्ध करा सकता है |