भारत और यूरोपीय संघ (EU) ने नई दिल्ली में मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की 13वीं दौर की वार्ता शुरू कर दी है। यह चरण 8 सितंबर से शुरू हुआ, जिसमें गैर-टैरिफ बाधाएं, बाजार पहुंच और सार्वजनिक खरीद जैसे जटिल मुद्दों पर खास ध्यान दिया जा रहा है। दोनों पक्ष इस साल के अंत तक समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश में हैं।
सूत्रों के अनुसार, आने वाले हफ्तों में नई दिल्ली और ब्रुसेल्स में कई उच्च-स्तरीय बैठकें होंगी। इन बैठकों का उद्देश्य 2026 की पहली तिमाही में होने वाले भारत-ईयू शिखर सम्मेलन के लिए रणनीतिक एजेंडा तय करना है।
अब तक 23 में से 11 अध्यायों पर सहमति बन चुकी है। इनमें बौद्धिक संपदा, सीमा शुल्क, डिजिटल व्यापार, विवाद निपटान और एसएमई सहयोग जैसे मुद्दे शामिल हैं। पूंजी आवागमन पर भी समझौता लगभग अंतिम चरण में है। 13वें और 14वें दौर (14वां दौर 8 अक्टूबर को ब्रुसेल्स में होगा) में तकनीकी व्यापार बाधाएं, मूल नियम और स्वच्छता मानक जैसे विषयों पर गहन चर्चा होगी।
👉 भारत और ईयू की प्राथमिकताएं
भारत ने चावल, चीनी और डेयरी उत्पादों को समझौते से बाहर रखा है, जबकि ईयू ऑटोमोबाइल और स्पिरिट्स के लिए भारतीय बाजार की पहुंच चाहता है। वहीं, अमेरिका द्वारा झींगा निर्यात पर टैरिफ दोगुना करने के बाद, ईयू एक्वाकल्चर उत्पादों पर समझौता करने के लिए तैयार है।
👉 राजनीतिक और रणनीतिक संवाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में यूरोपीय परिषद अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा और आयोग अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से बातचीत कर वार्ता की प्रगति पर जोर दिया। इसके अलावा, सितंबर से नवंबर तक कई बैठकें होंगी, जिनमें भारत-ईयू व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद (TTC) भी शामिल है। यह परिषद एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक और रक्षा सहयोग जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित है।
