रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) का असर पूरी दुनिया के बाजार पर नजर आ रहा है. इसके चलते अब भारत के डायमंड पॉलिशिंग हब सूरत ने भी अपना ग्लैमर खो दिया है. क्योंकि युद्ध ने कच्चे हीरों की आपूर्ति को प्रभावित कर दिया है. खबर है कि इस युद्ध के चलते अब डायमंड इंडस्ट्री काफी नीचे जा सकती है.
हर महीने आता था इतना माल
रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिनेश नवादिया ने कहा, ‘रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच सूरत का हीरा उद्योग एक प्रभाव का गवाह है. हर महीने लगभग 1.75 लाख कैरेट का कच्चा माल रूस के माध्यम से सूरत में आयात किया जाता था.’
कटिंग और पॉलिशिंग के लिए आता था माल
दिनेश नवादिया ने आगे बताया कि अभी कच्चे माल की उपलब्धता नहीं है. अलरोसा से आयातित रफ डायमंड का 30 से 35 फीसदी से ज्यादा सीधे सूरत और मुंबई के भारतीय बाजार में कटिंग और पॉलिशिंग के लिए आता है.
हफ्ते में 3-4 दिन का काम
कच्चा माल ना आने से काम इतना कम हो गया है कि सूरत में प्रमुख हीरा कारखानों ने अपना वर्किंग वीक 6 दिन से कम करके 3-4 दिन कर दिया है. सूरत में कई छोटी फैक्ट्रियां फिलहाल बंद कर दी गई हैं. नवादिया ने कहा, ‘रूसी कच्चे हीरे आम तौर पर छोटे होते हैं, जो भारत के हीरे के व्यापार का 40 प्रतिशत और मूल्य में लगभग 30 प्रतिशत बनाते हैं. यूक्रेन के साथ युद्ध ने अब इस 18 बिलियन डॉलर के व्यापार को प्रभावित किया है. रूसी कच्चे माल का स्टॉक भारत को पहले भेजा गया था. अमेरिकी प्रतिबंध भी समाप्त होने वाले हैं.’
मुख्यमंत्री से मिले वर्कर्स
डायमंड वर्कर्स यूनियन गुजरात की सूरत इकाई ने 4 मई को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को संबोधित एक ज्ञापन भेजकर हीरा श्रमिकों को वित्तीय सहायता देने की मांग की. जिससे यह साफ हो जाता है कि इस इंडस्ट्री में काम करने वाले लोग कितनी किल्लत का सामना कर रहे हैं.
बता दें कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण 24 फरवरी, 2022 को शुरू हुआ और अमेरिका ने अप्रैल के मध्य में रूस से निर्यात की जाने वाली कई वस्तुओं पर प्रतिबंध लगा दिए.
