सतलुज नदी में बाढ़ का खतरा
उत्तरी भारत में लगातार हो रही भारी बारिश ने नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया है और हालात गंभीर होते जा रहे हैं। इसी बीच, भारत ने सतलुज नदी बाढ़ को लेकर पाकिस्तान को चेतावनी दी है। यह अलर्ट पूरी तरह से मानवीय आधार पर जारी किया गया है, ताकि दोनों देशों के सीमावर्ती इलाकों में जान-माल की हानि रोकी जा सके।
पंजाब-हिमाचल में बिगड़े हालात
सूत्रों के मुताबिक, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से सतलुज, व्यास और रावी नदियां उफान पर हैं। कई बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। मंगलवार को जारी यह चेतावनी बुधवार के हालात के लिए थी, जिसमें पाकिस्तान को सतलुज नदी में बाढ़ की उच्च संभावना के बारे में आगाह किया गया।
मानवीय आधार पर भारत की पहल
भारत ने विदेश मंत्रालय के माध्यम से यह संदेश इस्लामाबाद को भेजा। सूत्रों ने स्पष्ट किया कि यह कदम पूरी तरह से मानवीय दृष्टिकोण से उठाया गया है। इससे पहले भी भारत ने तवी नदी में संभावित बाढ़ के लिए पाकिस्तान को तीन अलर्ट भेजे थे।
सिंधु जल संधि और सुरक्षा प्राथमिकता
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ जल संबंधी आंकड़ों का आदान-प्रदान रोक दिया था। हालांकि, बाढ़ जैसी आपदा में मानवीय सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है। इसलिए सतलुज नदी बाढ़ की चेतावनी साझा की गई।
पाकिस्तान में बढ़ सकता है खतरा
सतलुज नदी पंजाब से निकलकर पाकिस्तान में प्रवेश करती है। लगातार बारिश और बांधों से छोड़े जा रहे पानी के चलते पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के निचले इलाके जलमग्न हो सकते हैं। यही वजह है कि भारत ने इस बार सख्त अलर्ट जारी किया है।
