Independence Day 2024: पीएम मोदी ने लाल किला से 11वीं बार फहराया तिरंगा, कहा- आज देश हर सेक्टर में आगे बढ़ रहा है

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नई दिल्ली: Independence Day 2024: आज देश 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11वीं बार लाल किले से तिरंगा फहराएंगे। सुबह-सुबह पीएम मोदी ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की और उसके बाद लाल किले पहुंचे, जहां उन्हें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और रक्षा सचिव गिरीधर अरमाने ने स्वागत किया। इसके बाद उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

विकसित भारत का लक्ष्य और तीन गारंटी
इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस की थीम ‘विकसित भारत’ रखी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य घोषित किया। साथ ही उन्होंने देशवासियों को तीन गारंटी दीं—पहली, आने वाले पांच वर्षों में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनेगा। इस संकल्प और गारंटी के साथ पीएम मोदी ने नए भारत के निर्माण की बात कही।

  • पीएम मोदी ने कहा कि हमारा मध्यम वर्ग देश के लिए बहुत योगदान देता है। सरकार उसकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रही है। हम लोगों के जीवन में सरकारी दखल को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए हमने लोगों के लिए कई कम्पलायंस को कम किया है। हमने गैर जरूरी 1500 कानूनों को खत्म कर दिया, जो बेवजह लोगों को जेल भेजते थे। सदियों से चल रहे क्रिमिनल लॉ को हमने खत्म करके नए कानूनी रिफॉर्म किए हैं।
  • आप सरकार को बताएं कि अगर कोई बिना कारण के नियम हैं तो हमें लिखिए। हम नागरिकों के जीवन में सम्मान के पक्षधर हैं। किसी को यह कहने का मौका न मिले कि यह तो मेरा हक था और मुझे मिला नहीं। आज देश में पंचायत, नगर निगम जैसी छोटी मोटी 3 लाख ईकाइयां हैं, मैं इनसे अपील करता हूं कि आप हर साल दो रिफॉर्म करें। आप देखिए कि कैसे हर साल 25 से 30 लाख रिफॉर्म हो जाएंगे। जिनसे लोगों के जीवन में सुधार आएंगे।
  • पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 साल में 10 करोड़ नई माताएं-बहनें स्वसहायता समूह से जुड़ी हैं। महिलाएं जब खुद आर्थिक रूप से समृद्ध होती हैं तो परिवार और देश की प्रगति में योगदान दे सकती हैं। अब तक 9 लाख करोड़ रुपए बैंकों के जरिए समूहों को मिले हैं, जिससे वे अपने कामों को आगे बढ़ा रहे हैं। महिलाओं की आत्मनिर्भरता एक नई आर्थिक क्रांति है। आज देश में रक्षा और अंतरिक्ष सेक्टर में भी प्रगति हो रही है। हमारे लिए आगे बढ़ने के नए द्वार खुले हैं। देश में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में रोजाना नए-नए कार्य हो रहे हैं। देशभर में स्कूल बनाए जा रहे हैं, 3 करोड़ नए पक्के घ बन रहे हैं। रेलवे की नई लाइनें, टनल और पुल बने हैं।
  • पीएम मोदी ने कहा कि देश को आजादी तो मिली, लेकिन एक तरह से माई बाप कल्चर जारी था। हाथ फैलाए मांगते रहे बस, लेकिन आज देश में स्थिति बदली है। आज सरकार कुछ लोगों के घरों तक सिलेंडर, आवास, शौचालय और जरूरी संसाधन पहुंचा रही है। युवाओं को स्किल्ड करने की योजनाएं चलाई जा रही हैं। 10 साल पहले जो युवा 14 साल था, वो आज 24 का है।
  • स्किल डेवलप करके देश की प्रगति में योगदान देने के लिए तैयार है। मेरे देश के नौजवानों को अब देश धीरे-धीरे चलने इरादा नहीं है। ये हमारा गोल्डन एरा है, अब छलांग लगाने की जरूरत है। अगर हम भारत को विकसित बनाने के संकल्प के साथ चल पड़ेंगे तो सालों की बेड़ियों को तोड़ने के बाद यह एक नई उपलब्धी होगी।
  • पीएम मोदी ने कहा कि देश में माहौल बदला है। पहले की सरकारें सोचती थी कि हमें क्या जो चल रहा है चलता रहे। अगली सरकारें आएंगी तो वो अपना देख लेंगी। लेकिन हमें युवा, किसान और महिलाओं के लिए सुधारों की शुरुआत की। हमारे रिफॉर्म्स की प्रतिबद्धता चार दिन की वाहवाही के लिए नहीं है। न ही यह किसी मजबूरी में है, बल्कि देश को मजबूती देने के लिए यह प्रतिबद्धता है। हम जो कुछ कर रहे हैं, वो राजनीति के लिए नहीं है।
  • हम जो भी कर रहे हैं वो देश को महान बनाने के संकल्प के साथ किया जा रहा है। एक उदाहरण बैंकिंग सेक्टर का देख लीजिए। पहले जो कारनामे हुए, उससे बैंक संकटों से जूझ रहे थे। आज हमारे बैंकों ने दुनिया के बड़े बैंकों के बीच अपना स्थान बनाया है। ये रिफॉर्म्स का ही परिणाम हैं। आज मछली पालन करने वाले, किसान, रेहड़ी पटरी वाले और एमएसएमई में काम करने वाले लोग बैंकों से सहायता ले रहे हैं।
  • पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था, जब लोग देश के लिए मर मिटने के लिए तैयार थे। आज देश के लिए जीने का समय है, हम उसी प्रतिबद्धता के साथ देश को विकसित भारत बना सकते हैं। विकसित भारत कोई भाषण का शब्द नहीं है। हमने विकसित भारत 2047 के लिए करोड़ों लोगों के सुझाव लिए हैं। गांव, किसान, शहरी और आदिवासी हर इलाके से लोगों ने सुझाव दिए हैं। कुछ लोगों ने कहा कि भारत को दुनिया का सीड कैपिटल बनाया जाए।
  • भारत की यूनिवर्सिटी ग्लोबल बने, स्किल युवा दुनिया की पहली पसंद, मोटे अनाज को दुनिया के हर डाइनिंग टेबल पर पहुंचाना है। देश के छोटे किसानों को बल देना है। कुछ लोगों ने लिखा- न्याय में देरी हो रही है, रिफॉर्म की जरूरत है। ग्रीन फील्ड सिटी विकसित करने का सुझाव भी मिला है। किसी ने कहा कि भारत का स्पेस स्टेशन जल्द बनना चाहिए। हमें देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बननी चाहिए।
  • पीएम मोदी ने कहा कि हम ये सब कर सकते हैं, साथियों देशवासियों का ये विश्वास ही हमारी ताकत है। आजादी के बाद भी देश के ढाई करोड़ घरों में बिजली नहीं थी, जब वहां बिजली पहुंची तो उनका विश्वास बढ़ गया। देश में स्वच्छता के लिए अभियान शुरू होता है, तो राष्ट्र चेतना की दिशा में लोग एकजुट होने लगते हैं। आज 15 करोड़ लोग नल से जल योजना से जुड़ चुके हैं। देश के करोड़ों लोग जीवन की प्राथमिक जरूरतों के अभाव में जी रहे थे।
  • हमने वोकल फॉर लोकल का संकल्प लिया था, आज देश का हर जिला अपने उत्पादों पर गर्व करता है। हमने ग्रीन एनर्जी के लिए संकल्प लिया था। भारत ने करोड़ों देशवासियों तक कोरोना का टीका पहुंचाया। देश की सेनाएं आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देती हैं। सुधार की परंपराओं को एक सामर्थ्य दिया गया है। हमने अर्थतंत्र का मंत्र दिया है।
  • पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों, परिवारजनों आज वो दिन है, जब हम देश के लिए मर मिटने वाले दीवानों को याद कर रहे हैं। उन्होंने इस पर्व में हमें आजादी से सांस लेने का मौका दिया। देश उनका ऋणि है, आज जो महानुभाव राष्ट्र निर्माण और रक्षा के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे हैं, वो देश के किसान और जवान हैं। लोकतंत्र के लिए भारतवासियों की भावना दुनिया के लिए एक उदाहरण है।
  • पीएम मोदी ने कहा कि देश में प्राकृतिक आपदाएं बढ़ती चली जा रही हैं। इनमें जान गंवाने वालों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हम उनके साथ खड़े हैं।
  • पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने गुलामी का एक लंबा कालखंड देखा है। देश के हर कोने में यहां तक की आदिवासी क्षेत्रों तक से लोग स्वतंत्रता के लिए उठ खड़े हुए थे। उस समय आबादी कम थी, लेकिन सभी ने एक सपने के लिए वंदेमातरम के नारे के साथ एकजुटता दिखाई। 40 करोड़ लोगों ने दुनिया की महासत्ता को उखाड़कर फेंक दिया। हमारे पूर्वजों जिनका खून हमारी रगो में है, अगर 40 करोड़ लड़कर आजादी ले सकते हैं तो हम तो आज 140 करोड़ हैं। अगर हम सभी कंधे से कंधा मिलाकर चल पड़ते हैं तो हर चुनौती को पार करते हुए 2047 विकसित भारत का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।