रायपुर / छत्तीसगढ़ में पॉलिटिकल फंडिंग और बेनामी संपत्ति को लेकर एक बार फिर आयकर – ईडी की टीम सक्रीय हो गई है | इसी साल फरवरी माह में आयकर – ईडी ने राज्य के चर्चित अफसरों और नेताओं के ठिकानों में छापेमार कार्रवाई की थी | इस कार्रवाई में CBDT ने 150 करोड़ के अवैध लेन – देन और करोड़ो की बेनामी संपत्ति का दावा करते हुए छापेमारी में जब्त आपत्तिजनक दस्तावेजों को लेकर प्रेस नोट जारी किया था | हालाँकि कोरोना संक्रमण के चलते मार्च माह में आयकर – ईडी की यह कार्रवाई ठप्प हो गई थी | लेकिन 8 माह बाद एक बार फिर आयकर विभाग ने राज्य के प्रभावशील नौकरशाहों और नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है |
रायपुर के दो बैंकों बैंक ऑफ़ इंडिया और स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में आयकर टीम ने डेरा डाला हुआ है | बताया जाता है कि बुधवार को जो दो लॉकर खोले गए, उसमे आयकर टीम को कुछ खास नहीं मिला | सूत्रों के मुताबिक दोनों लॉकर खाली पाए गए | बताया जाता है कि ये दोनों लॉकर चाटर्ड अकॉउंटेंट संजय संचेती के थे | जानकारी के मुताबिक गुरुवार को चार्टेट अकॉउंटेट कमलेश जैन एवं अन्य के लगभग आधा दर्जन लॉकर खोले गए है |
हालाँकि लॉकर खोले जाने एवं जाँच में प्राप्त दस्तावेजों और सामग्री को लेकर आयकर विभाग की ओर से अभी कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है | जानकारी के मुताबिक 27 फरवरी 2020 को छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के करीबी नौकरशाहों और कारोबारियों के ठिकानों में की गई दबिश के दौरान सीज किये गए लॉकर को अब खोलने की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है।
बताया जाता है कि दोनों ही चार्टेट अकॉउंटेड राज्य के पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड के काफी करीबी है | सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि आयकर टीम बैंकों के अलावा नौकरशाहों के उन दो ठिकानों का भी रुख कर सकती है, जहाँ पीओ लगाकर उसमे कुछ अलमारियां सीज की थी |
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गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार के काम काज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नौकरशाहों और कारोबारियों के दर्जनों ठिकानों पर आयकर – ईडी की टीम ने 8 माह पूर्व दबिश देकर राजनैतिक गलियारा गरमा दिया था | उस दौरान पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, वरिष्ठ आईएएस अनिल टुटेजा, मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्या चौरसिया, आबकारी आयुक्त एपी त्रिपाठी, रायपुर मेयर एजाज ढेबर समेत राज्य सरकार के करीबी लोगों के ठिकानों में हुई थी |