उतर प्रदेश / उतर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अब अंतिम दौर में है,लेकिन बचे दो चरणों में ऐसे उम्मीदवार हैं जो कि राजनीति के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं.छठा चरण तो सभी दलों की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है, क्योंकि इसमें बीजेपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मैदान में हैं. उनके चेहरे पर बीजेपी चुनाव लड़ रही है. इस चरण में बीजेपी, सपा, कांग्रेस और बसपा के कई बड़े चेहरों की परीक्षा होनी है. इस चरण में 57 सीटों के लिए मतदान होना है. बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. सपा ने योगी के सामने सवर्णों और सहानुभूति वोट पाने के लिए सुभावती शुक्ला को उतारा है
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तो वहीं, बसपा ने मुस्लिम मतों में सेंधमारी के लिये ख्वाजा शम्सुद्दीन को उतारा है.छठे चरण में नेता प्रतिपक्ष और सपा के दिग्गज रामगोविंद चौधरी के अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और बसपा विधानमंडल के नेता अध्यक्ष उमाशंकर सिंह की सीट पर भी इसी चरण में मतदान होना है. सभी की नजर फाजिलनगर पर भी टिकी है, क्योंकि योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य इस बार सपा से मैदान में उतरे हैं.
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बलिया की रसड़ा विधानसभा सीट से लगातार दो बार से बसपा के उमा शंकर चुनाव जीत रहे हैं. उमाशंकर की प्रतिष्ठा का सवाल है, तो बीजेपी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. बलिया की सिकंदरपुर सीट से बीजेपी अब तक सिर्फ एक बार 2017 में चुनाव जीती है. सपा इस सीट पर तीन बार चुनाव जीत चुकी है. बीजेपी के सामने जीत बरकरार रखने की चुनौती है. इसके अलावा कुशीनगर की फाजिलनगर सीट भी सपा के लिए महत्वपूर्ण है. यहां उसने बीजेपी के बागी स्वामी प्रसाद मौर्य को उतारा है. अब यह सीट सपा बीजेपी दोनों के प्रतिष्ठा से जुड़ गई है.
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इसी तरह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू कुशीनगर की तमकुहीराज सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके लिए चुनौती यह बढ़ गई है कि कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह अब बीजेपी में हैं. उनका प्रभाव पडरौना के साथ ही आसपास की तमाम सीटों पर है.