छत्तीसगढ़ में आरटीआई कार्यकर्ताओ की लगी लॉटरी ,याचिका दायर करने दिल्ली दौड़ ,नान घोटाले में “इंटरविन” बनने के लिए लाखो का ऑफर चर्चा में ,फायनेंसरों पर जांच एजेंसियों की नजर , 26 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट में कानूनी दांव -पेंचो को लेकर ईडी बनाम घोटालेबाजो की तिकड़म

0
11

रायपुर :छत्तीसगढ़ के 36 हजार करोड़ के नान घोटाले में सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने के लिए घोटालेबाजो ने नई कसरत शुरू की है | इसके तहत कुछ याचिकाकर्ताओ को रायपुर से दिल्ली उड़ाया गया है,ताकि 26 सितम्बर को उन्हें इंटरवीनर बनाकर कोर्ट में पेश किया जा सके | खबर है कि इस तिकड़म को अंजाम देने के लिए याचिकाकर्ताओं को मोटी रकम बतौर नजराना पेश की जा रही है |

सूत्र दावा कर रहे है कि जिन लोगो की लॉटरी लगी है ,उनके हाथो में रूपए 50 लाख तक की बोली लग चुकी है | अब देखना होगा की नान घोटाले की जांच में रोड़ा अटकाने का सेहरा किसके सिर बंधता है | सूत्र बताते है कि घोटाले पर पर्दा डालने और कोर्ट को गुमराह करने के लिए घोटालेबाजो ने पूरी ताकत झोक दी है |

इसके लिए वे मौजूदा चीफ जस्टिस यूयू ललित की बेंच को दिग्भर्मित करने के लिए ही जोर आजमाइश कर रहे है | उनकी पूरी कोशिस सीजेआई यूयू ललित के बचे -कूचे लगभग माह भर के कार्यकाल को नए -नए दांव -पेंचो से किसी तरह व्यतीत करने पर के मकसद पर टिकी है | उन्हें अंदेशा है कि सीजेआई की बेंच कही अगली तिथि में कोई फैसला ना सुना दे |

लिहाजा न्याय की राह में रोड़ा अटकाने के लिए कुछ एक आरटीआई कार्यकर्ताओ की दिल्ली में मेहमान नवाजी की ख़बरें आ रही है | इसमें दावा किया जा रहा है कि दिल्ली में घोटालेबाजो का नया बंद लिफाफा अदालत तक पहुंचेगा | जबकि निश्चित प्रक्रिया के दौरान ही लॉटरी में जीती रकम “संपर्क सूत्रों” के हाथो तक पहुँच जाएगी | रायपुर से लेकर दिल्ली तक लॉटरी लगने की खबर सोशल मीडिया में सुर्खियों में है | 

बताया जाता है कि बिलासपुर हाईकोर्ट में नान घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की मांग वाली याचिका कई लोगो ने पूर्ववर्ती बीजेपी शासन काल में लगाई थी | बीजेपी के कार्यकाल में प्रदेश के कई आरटीआई कार्यकर्त्ता काफी सक्रिय रहे | याचिकाओं के जरिये नान घोटाले की तह तक जाने के लिए कुछ एक आरटीआई कार्यकर्ताओ ने तो खून -पसीना तक एक कर दिया था |

लेकिन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में यही आरटीआई कार्यकर्ता गुमनामी के दौर में चले गए | बताया जाता है कि ना तो इस दौरान किसी ने उनकी सुध ली और ना ही उनकी याचिकाओं पर जल्द सुनवाई और फैसले के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार ने कोई रूचि दिखाई |

सूत्र बताते है कि नान घोटाले में लिप्त मगरमच्छो को अब सुप्रीम कोर्ट के रुख से बेचैनी हो रही है | उनकी साँसे फूली होने के चलते अब जाकर उन्हे सक्रिय रहे आरटीआई कार्यकर्ताओ की याद आई है | वे भी अब बहती गंगा में हाथ धोने के लिए उड़ान भर रहे है |

हालाँकि सक्रिय आरटीआई कार्यकर्ताओ में कई ऐसे है जो मौका परस्ती के खेल को बखूबी भांप रहे है | उन्हें हैरानी है कि सत्ता की हनक में रहने वाले लोगो को अब जाकर उनकी याद आई है | ऐसे आरटीआई कार्यकर्त्ता अदालती जंग में सही मायनो में घोटालेबाजो के साथ दो -दो हाथ कर रहे है | फिलहाल ,उनकी नजर इंटरवीनरो पर टिकी हुई है |

सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में जांच एजेंसिया भी तमाम घटनाक्रमो पर नजर गड़ाए बैठी है | बहरहाल 26 सितम्बर दिन- सोमवार,समय-अपराह्न 3 बजे , सुप्रीम कोर्ट में नान घोटाले की निर्णायक बहस क्या फैसले तक पहुंच पाएगी ,इसे लेकर गहमा -गहमी है |