जनता की अदालत में मुख्यमंत्री साय का पूर्व मुख्यमंत्री का नाम लिए बगैर ऐलान-लूट की रकम कहां गई है, छोटा कार्यकर्ता भी समझ गया, शराब घोटाले पर शायराना अंदाज में कहा- यहां तक आते-आते सूख जाती है नदियां… 

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में 2200 करोड़ के शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल पर लगातार शिकंजा कस रहा है। EOW ने कल लखमा से लंबी पूछताछ की थी। आज एक बार फिर EOW की टीम पूर्व आबकारी मंत्री से पूछताछ में जुटी है। लखमा, इन दिनों जेल की हवा खा रहे है। उन्हें ED ने शराब घोटाले में धर दबोचा था। ED के दावों पर यकीन करें तो स्वयं को अनपढ़ करार देने वाले पूर्व आबकारी मंत्री को घोटाले की रकम की हिस्सेदारी के रूप में प्रतिमाह 2 करोड़ प्राप्त होते थे। लखमा का अनपढ़ होना जहाँ घोटाले की मासूमियत को बयां कर रहा है, वही आबकारी मंत्री को इतना तो तत्कालीन मुख्यमंत्री को कितना ? एजेंसियां, इसकी पड़ताल में माथा-पच्ची कर रही है। जबकि दूसरी ओर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी घोटालेबाजों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री साय का अलग ही रंग नजर आया। शराब घोटाले की असलियत से सदन में शायराना अंदाज में बयां करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लिया। उन्होंने लगभग डेढ़ साल के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि पिछली सरकार में जो पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता था, अब प्रदेश के लोगों के काम आ रहा है। विधानसभा में कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री साय ने बड़े ही सहज तरीके से कांग्रेस की बखियां उधेड़ी। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि सब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है।

कवि दुष्यंत कुमार की पंक्तियों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यहां तक आते-आते सूख जाती है नदियां, मुझे मालूम है कि पानी कहां ठहरा है…’ सीएम साय ने कहा कि जो पैसा पिछली सरकार में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता था, वह अब जनकल्याण में लग रहा है। उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है। विधानसभा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बुधवार को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला। साय ने कहा, ‘कांग्रेस सरकार का शराब घोटाला देश में चर्चित था। जांच की जा रही थी। कांग्रेस की राजनीति करने वाला छोटा कार्यकर्ता भी समझ गया है कि लूट की रकम कहां गई है, 20192-0 में शराब का राजस्व 4,952 करोड़ रुपए था। हमारी सरकार में ये राजस्व 9,573 करोड़ रुपए हो गया है।

पहले यही राशि सिंडिकेट के खाते में चली जाती थी। अब कुछ कहने की जरूरत नहीं है। पिछले सवा साल से हम छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा में लगे हैं। हम 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ के रोडमैप पर काम कर रहे हैं। हमारा यह बजट गति पर आधारित है। चर्चा के बाद सीएम के विभागों के लिए 19,643 करोड़ 78 लाख 42 हजार रुमए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी गई। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि 1 अप्रैल से दफ्तरों में फाइल की बजाए ई-ऑफिस प्रणाली लागू की जा रही है। उनके मुताबिक भ्रष्टाचार को जड़ मैनुअल फाइल प्रणाली खत्म करने ई-ऑफिस प्रणाली अप्रैल से लागू होगी। आम लोगों का काम पारदर्शिता और सुगमता से हो, इसके लिए ई-ऑफिस लागू किया जा रहा है। सरकारी अफसरों की जवाबदेही भी तय होगी। सभी फाइल कंप्यूटर के जरिए भेजी जाएगी।

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार का लक्ष्य स्पष्ट है, लालफीताशाही को रोकना। भ्रष्ट अफसर किसी काम को रोकने के लिए फाइलों में लाल फीता लगा देते हैं। ये फीता तब हटता है जब आवक आ जाता है। विपक्ष ने जो मांगें रखी हैं, हमारी सरकार बगैर भेदभाव के पूरा करेगी। प्रदेश में ऐसे ग्रामीण क्षेत्र जहां आवागमन सुविधा नहीं है, ग्रामीण बस सेवा शुरू की जाएगी।
पहले चरण में बस्तर एवं सरगुजा संभाग का चयन इस योजना के लिए किया जाएगा। इसके लिए 25 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है।

इससे ग्रामीण अपने रोजमर्रा के काम, शिक्षा व इलाज के लिए आसानी से आ-जा सकेंगे। रायपुर में आधुनिक ड्राइविंग लाइसेंस केंद्र हेतु 1.33 करोड़ रुपए का प्रावधान है। श्रीरामलला दर्शन योजना हेतु 36 करोड़, होमस्टे सुविधा हेतु 5 करोड़, शक्ति पीठ परियोजना हेतु प्रथम चरण में 5 करोड़, तथा एडवेंचर टूरिज्म विकास हेतु 5 करोड़, रायपुर में कन्वेंशन सेंटर एवं फिल्म सिटी निर्माण के लिए केंद्र से 147.66 करोड़ की स्वीकृति मिली है। इसमें 50.20 करोड़ इस साल मिलेंगे।

छत्तीसगढ़ कल्चरल कनेक्ट योजना के तहत अन्य राज्यों में भूमि खरीदकर धर्मशाला बनाने के लिए 5 करोड़ रखा गया है। रायपुर में भारत भवन, गोंडी-हल्बी भाषा विकास हेतु 2.50 करोड़, बस्तर पंडुम प्रतियोगिता हेतु 4.68 करोड़, पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय हेतु 98.90 करोड़, ऐतिहासिक अभिलेखों के डिजिटलीकरण हेतु 3 करोड़, रायपुर में बूढ़ापारा स्थित डे-भवन को स्वामी विवेकानंद स्मृति संस्थान के रूप में विकसित करने के लिए 4.80 करोड़ और मुख्यमंत्री धरोहर दर्शन योजना हेतु 44.70 लाख का प्रावधान है।

उधर भ्रष्टाचार के मामलों में घिरी कांग्रेस सदन में अभी भी बैक फुट पर है। हालांकि, बीजेपी विधायकों की सक्रियता से भ्रष्टाचार के खिलाफ लगी सवालों की झड़ी से सदन सरगर्म है, कई मौकों पर बीजेपी विधायक जोर-शोर से मंत्रियों की घेराबंदी करने में भी नहीं चूक रहे है।  विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह विपक्ष की आवाज को बुलंद करने के लिए भी सदन में सक्रिय नजर आते है, ताकि इलाके की पीड़ित जनता और लोक कल्याणकारी कार्यों की प्रगति से जनता की अदालत वाकिफ हो सके। प्रजातंत्र की जड़ों का अहसास कराने वाली विधानसभा की कार्यवाही इन दिनों छोटे पर्दे पर काफी सराही जा रही है। आम जनता को जनप्रतिनिधियों की महत्वतता नजर आने से सदन के प्रति उनका भी विश्वास मजबूत हो रहा है।