रायपुर / यूं तो छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार भ्रष्ट्राचार के मामलों को लेकर पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार को कोसने में कोई कसर बाकि नहीं छोड़ती | लेकिन उसकी कार्यप्रणाली भी इसी दलदल में गोता खाने वाली नजर आ रही है | रायपुर के ह्रदय स्थल शांति नगर की बेशकीमती सरकारी जमीन को पीपीपी मॉडल के तहत कौड़ियों के दाम एक निजी बिल्डर को सौंपे जाने की दास्तान कुछ इस तरह से लिखी गई है | सरकारी दस्तावेज बताते है कि मंत्रियों की तिकड़ी ने भ्रष्ट्राचार की इस योजना पर मुहर तो लगा दी , लेकिन इससे शासन को होने वाली आर्थिक क्षति को लेकर अनजान बने रहे |
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भ्रष्ट्राचार की सिंगल विंडों में आईएएस अधिकारी डॉ. अयाज तंबोली को बैठाकर सरकार के खाते में मात्र 168 करोड़ जमा कराकर 15 सौ करोड़ से ज्यादा का मुनाफा कमाने का मास्टर प्लान इस तरह से तैयार किया गया था | सरकारी जांच एजेंसियों के अलावा सरकार के कामकाज पर नजर रखने वालों के लिए यह दस्तावेज गौरतलब है | आखिर किस तरह से भ्रष्ट्राचार की भेंट चढ़ रही है , शांति नगर रिडेवलपमेंट योजना | पढ़े इसका ब्लू प्रिंट
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