कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए आधा सैकड़ा से ज्यादा बच्चों को पिला दी गई देशी शराब, 10 से 12 वर्ष के आयु के बच्चों को सार्वजनिक रूप से पिलाई गई शराब, डॉक्टर के मुताबिक कोरोना संक्रमण को ख़त्म करने के लिए शराब न तो निवारक है और न ही कोई इलाज, जाँच के निर्देश

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मलकानगिरी / कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सेनेटाइजर में एल्कोहॉल के मिश्रण की खबरे सुर्ख़ियों में रही | लेकिन कई लोग शराब को भी संक्रमण ख़त्म करने का उपाय मानने लगे | आम लोगों के बीच कोरोना संक्रमण का खौफ सिर चढ़कर बोल रहा है | वे इससे बचने के लिए तरह तरह के नुस्खे आजमा रहे है |

ऐसा ही नुस्खा ओडिशा के मलकानगिरी के एक गांव से सामने आया है | इस गांव में कोरोना संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए जो किया गया वो जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे | दरअसल ओडिशा के मलकानगिरी में कोरोना वायरस से बचाने के लिए 10-12 साल के मासूम बच्चों को शराब पिला दी गई | वो भी हाथभट्टी से बनी देशी शराब | इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है |

बताया जाता है कि मलकानगिरी में लोगों के बीच आम धारणा बन गई है कि शराब से कोरोना का संक्रमण ख़त्म हो जाता है | लिहाजा ग्रामीणों ने 10-12 वर्ष की आयु के 50 से अधिक बच्चों को एहतियातन सालपा नामक देशी शराब पिला दी | स्थानीय ग्रामीण मानते है कि देशी शराब के सेवन से बच्चों में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है |

मलकानगिरी जिले के पड़िया ब्लॉक के परसनपाली गांव में जब बच्चों को शराब पिलाई जा रही थी तो लोगों ने उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया | वीडियो में लगभग 50 से ज्यादा बच्चों को देशी शराब परोसते और पिलाते देखा जा सकता है | इस दौरान बच्चों और ग्रामीणों के बीच कोरोना वायरस के दिशा निर्देशों का भी कोई पालन नहीं दिखाई दिया | इस हुजूम में लोगों के बीच न तो सामाजिक दूरी थी और न ही किसी ने वहां मास्क पहना था | बच्चों से लेकर बड़े तक नियम कायदों की धज्जियाँ उड़ाते नज़र आ रहे थे |

सोशल मीडिया पर इस घटना की तीखी आलोचना हो रही है | ज्यादातर लोग स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे है | उनके मुताबिक ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जागरूकता फ़ैलाने में प्रशासन नाकाम रहा | उधर इलाके के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अरिजीत महापात्र ने अल्कोहल के सेवन से कोरोना के इलाज पर विश्वास करना बेतुका और भ्रामक बताया है |

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उन्होंने इसे बच्चों के लिए खतरनाक बताया | डॉ. महापात्र के मुताबिक कोरोना मरीज के जीआई ट्रैक्ट से नहीं गुजरता है, यह आंख, नाक और किसी के मुंह से गुजरता है | उन्होंने बताया कि यदि आप कोरोना से संक्रमित से कुछ लेते हैं तो यह आपके शरीर में श्वसन मार्ग के जरिये प्रवेश करता है | डॉक्टर महापात्र ने कहा कि शराब न तो कोरोना संक्रमण की निवारक है और न ही कोई इलाज है | उन्होंने कहा कि शराब जहरीली भी हो सकती है | यह बाल अपराध की श्रेणी में है | इसके लिए पुलिस और बाल संरक्षण आयोग को सामने आना होगा |