छत्तीसगढ़ में नक्सली मोर्चे पर डटे सुरक्षा बलों के जवानों की आत्महत्याओं का सिलसिला थामे नहीं थम रहा, फिर एक जवान ने खुद को मारी गोली, मौके पर मौत , जाँच में जुटी पुलिस

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सुकमा / छत्तीसगढ़ में नक्सली मोर्चे पर आत्महत्याएं दुखदायी साबित हो रही है | पुलिस और केंद्र सुरक्षा बलों के आलाधिकारी आत्महत्यों को रोकने के मामले में नाकाम साबित हुए है | बताया जाता है कि नक्सली मोर्चे पर आज भी सैकड़ों जवान तनाव और अवसाद के दौर से गुजर रहे है | उनकी समस्यों के निराकरण के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं होने के चलते ये जवान आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे है | राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के दर्जनों जवान सालाना आत्महत्या करते है | हर साल आत्महत्या करने वाले जवानों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है | इसके बावजूद इस तरह के मामलों में रोकथाम लगाने के लिए आलाधिकारियों की दिलचस्पी ना लेना भी चिंताजनक बना हुआ है |  

छत्तीसगढ़ के सुकमा में शुक्रवार तड़के कोरबा बटालियन के एक जवान ने गोली मारकर खुदकुशी कर ली। गोली उसके गले पर लगी, जिसके चलते जवान की मौके पर ही मौत हो गई। जवान अपने अन्य साथियों के साथ नक्सल ऑपरेशन पर निकला था। जवान की खुदकुशी का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। SP केएल ध्रुव ने घटना की पुष्टि की है।

जानकारी के मुताबिक, मिनपा के जंगलों में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद तेमलवाड़ा कैंप से कोबरा 206वीं बटालियन के जवानों को रवाना किया गया था। इसमें पंजाब के लुधियाना निवासी जवान हरजीत सिंह भी शामिल था। बताया जा रहा है कि जवान प्लानिंग कर रहे थे। इसी दौरान हरजीत ने अपनी राइफल से गोली चला दी। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई |