महाराष्ट्र में बार-बियर बार, सी बीच सबकुछ खुल गए, नहीं खुले तो मंदिर, राज्यपाल ने पत्र लिखकर उद्धव सरकार से पूछा- अचानक सेकुलर बन गए ? सिर्फ मंदिर बंद क्यों ? शिर्डी से लेकर मुंबई तक भाजपा का प्रदर्शन, राज्यपाल की चिट्ठी पर उद्धव का जवाब- हमें हिंदुत्व का पाठ न पढ़ाएं

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मुंबई / महाराष्ट्र में सबकुछ अनलॉक हो चूका है | सिर्फ स्कूल बंद है | हालांकि वहां भी ऑनलाइन पढाई हो रही है | लेकिन मंदिर बंद है | रोजाना लाखों लोग भगवान के दर्शन के लिए मंदिर जाना चाहते है | यही नहीं मंदिरों के इर्द-गिर्द पूजा पाठ , फूल माला , प्रसाद और अन्य सामानों की बिक्री करने वाले व्यापारी भी मंदिर के पट बंद होने से कारोबार नहीं कर पा रहे है | उधर राज्य में सभी प्रकार के मदिरालय खुले है | समुद्र किनारे के तटों पर स्थित रोजमर्रा की दुकानें भी खुले अरसा हो गया है | लेकिन राज्य सरकार ने मंदिरों को खोलने की इजाजत अभी तक नहीं दी है | इस बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के एक पत्र से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तिलमिला गए है | दरअसल राज्यपाल ने अपने चिट्ठी में ऐसा तंज कसा कि उद्धव को बुरी तरह से चुभ गया | उन्होंने पूछा कि जब बार और सी बीच खुल गए तो मंदिर क्यों नहीं ? यही नहीं राज्यपाल यह भी पूछ बैठे कि अचानक सेकुलर बन गए ? राज्यपाल के इस पत्र के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है |

भाजपा कार्यकर्ता और साधु-संत मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर तो शिर्डी में साईं बाबा मंदिर के बाहर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा ने मांग की है कि महाराष्ट्र में सभी मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए खोला जाए। इसे देखते हुए भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है। प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने भारी पुलिस बल और बैरिकेडिंग होने के बावजूद मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस ने ऐसा होने नहीं दिया। जल्द ही प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया। पुलिस की तरफ से किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सतर्कता बरती जा रही है। भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन किया जा रहा है। कार्यकर्ता शिरडी साईं बाबा मंदिर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। इनकी मांग है कि राज्य भर के मंदिरों में श्रद्धालुओं को फिर से पूजा-अर्चना करने दिया जाए।

भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा पुणे में भी मंदिर खोलने के लिए प्रदर्शन किया जा रहा है। पुणे शहर के ग्रामदैवत तांबड़ी जोगेश्वरी मंदिर के बाहर भजन कर भाजपा ने प्रदर्शन किया। कुंभकर्ण की नींद में सोई सरकार का प्रतीकात्मक पुतला भी बनाया गया। भाजपा के शहर अध्यक्ष जगदीश मलिक के अलावा कई भाजपा कार्यकर्ता इस आंदोलन में शामिल हुए।

भाजपा नेता प्रवीण दारेकर ने कहा, राज्य में शराब की दुकानों को खोला गया है, यहां तक कि होम डिलीवरी तक का विकल्प दिया गया है। लेकिन जो लोग अपनी मानसिक शांति के लिए मंदिर जाना चाहते हैं, उनके बारे में कौन सोचेगा? सरकार छोटे व्यापारियों के बारे में नहीं सोच रही है जिनकी आजीविका मंदिरों पर निर्भर करती है। ये सरकार अहंकार से भरी हुई है। एक अन्य भाजपा नेता प्रसाद लाड ने भी कहा कि हम मांग कर रहे हैं कि हमें सिद्धिविनायक मंदिर में प्रवेश करने दिया जाए। अगर वे हमें प्रवेश नहीं देते हैं, तो हम मंदिर में जाने के लिए अपना रास्ता बनाएंगे। यह एक अखिल महाराष्ट्र आंदोलन है क्योंकि हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द राज्य के सभी मंदिरों को फिर से खोल दिया जाए।

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उधर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर उनके हिंदुत्व वाले मुद्दे पर किये गए सवाल को लेकर राजनीति गरमाई हुई है | इस पर सीएम ने अपने बचाव में जवाब देते हुए कहा है कि राज्यपाल हमें हिंदुत्व का पाठ न पढ़ाएं।

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सीएम उद्धव ठाकरे को जो चिट्ठी लिखी है , वह सार्वजनिक हो चुकी है | इसमें उन्होंने मुख्यमंत्री से धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने का आग्रह किया है। राज्यपाल ने कहा है कि एक जून से राज्य में धार्मिक स्थलों को खोलने का एलान किया गया था, लेकिन चार महीने बीत चुके हैं, इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। राज्यपाल ने कहा, यह विडंबना है कि सरकार ने एक तरफ बार और रेस्तरां को खोल दिया है, लेकिन दूसरी तरफ मंदिर जैसे धार्मिक स्थानों को नहीं खोला गया है। आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं। आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति व्यक्त की। इसमें कहा गया है कि मुझे आश्चर्य है कि आपको मंदिरों को नहीं खोलने के लिए कोई दिव्य प्रेम प्राप्त हो रहा है या फिर आप धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं। यह एक ऐसा शब्द है, जिससे आप नफरत करते हैं।

उधर उद्धव ने राज्यपाल की चिट्ठी पर कड़ा जवाब दिया है | मुख्यमंत्री उद्धव ने कहा है कि जैसा कि अचानक से लॉकडाउन को लागू करना सही नहीं था, एक बार में इसे पूरी तरह से रद्द करना भी अच्छी बात नहीं होगी। और हां, मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो हिंदुत्व का अनुसरण करता है, मेरे हिंदुत्व को आपसे सत्यापन की आवश्यकता नहीं है। फ़िलहाल महाराष्ट्र में बीजेपी और साधु-संतों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है | अब देखना गौरतलब होगा कि महाराष्ट्र सरकार कब और कैसे मंदिरों को खोलने के लिए कोई कदम उठाती है |