रिपोर्टर – मनोज सागर
भोपाल / मध्यप्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार करने वाले लोग अब सतर्क हो जाये | अन्यथा उन्हें जेल की हवा खानी पड़ सकती है | उन्हें सजा दिलाने के लिए पुलिस अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है , ताकि क़ानूनी दावं पेचों का सहारा लेकर आरोपी बचने ना पाए | एडीजी अनुराधा शंकर सिंह के मुताबिक राज्य में महिला अपराधों की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाये जा रहे है | महिला अपराधों की विवेचना के लिए पेशेवर तरीके से पुलिस क़ानूनी कदम उठाएगी |
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा महिला अपराधों की विवेचना के संबंध में दिए गए दिशा-निर्देशों के पालन में प्रदेश के पुलिस अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस कड़ी में पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर भौंरी स्थित मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी में ”लैंगिक अपराधों की विवेचना में पुलिस की भूमिका” विषय पर मास्टर ट्रेनर्स की तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू हुई है । इस कार्यशाला में प्रदेश के 13 जिलों से आए उप निरीक्षक से लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के 43 पुलिस अधिकारी प्रशिक्षण ले रहे हैं।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण अनुराधा शंकर तथा विधि व विधायी कार्य विभाग के अतिरिक्त सचिव अभय कुमार ने कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी के निदेशक के.टी.वाइफे सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा यौन अपराधों की उत्कृष्ट विवेचना व वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया सहित सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए अन्य दिशा-निर्देशों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया जा रहा है। यहाँ प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सभी मास्टर ट्रेनर्स अपने-अपने जिलों में पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षित करेंगे।
कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशिक्षण निमिषा पाण्डेय, मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज पाण्डेय, श्रीमती रश्मि पाण्डेय व कमल मौर्य सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।