भोपाल / मध्य प्रदेश में आखिरकार सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों को मंत्रिमंडल में जगह मिल ही गई | बीजेपी विरोधी कयास लगा रहे थे कि अपने समर्थक विधायकों को मंत्री बनाने को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को कोई खास तवज्जों नहीं मिल रही है | लेकिन आज जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तो यह तथ्य औंधे मुँह गिरता नज़र आया | शिवराज कैबिनेट के विस्तार में 28 मंत्रियों ने शपथ ली | इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया कोटे से एक दर्जन मंत्री बनाये गए |
सबसे पहले गोपाल भार्गव ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली | इसके बाद हरसूद सीट से विधायक विजय शाह ने शपथ ली | मल्हारगढ़ से विधायक जगदीश देवड़ा ने ली शपथ लिया | ज्योतिरादित्य सिंधिया के कोटे से पूर्व विधायक बिसाहू लाल सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली | इसके बाद खुरई से विधायक भूपेंद्र सिंह ने शपथ ली |
सुमावली सीट से पूर्व विधायक एंदल सिंह कसाना ने विधायक पद की शपथ ली | इन्हें दिग्विजय सिंह का करीबी बताया जाता था | मंत्री पद नहीं मिल पाने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी | इसके बाद पन्ना से बीजेपी विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली | नरेला सीट से विधायक विश्वास सांरग ने मंत्री पद की शपथ ली | हालाँकि विश्वास सारंग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की व्यक्तिगत प्रसंग से मंत्री बने | कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आईं इमरती देवी ने मंत्री पद की शपथ ली | डबरा सीट से इमरती देवी विधायक रह चुकी हैं | वे ज्योतिरादित्य सिंधिया की करीबी है | इसके बाद एक और सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक प्रभुराम चौधरी ने मंत्री पद की शपथ ली |
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सिंधिया समर्थन महेंद्र सिंह सिसोदिया ने मंत्री पद की शपथ ली | वे भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए हैं | सिंधिया के कट्टर समर्थकों में से एक प्रद्युमन सिंह तोमर ने मंत्री पद की शपथ ली | प्रद्युमन सिंह तोमर भी कमलनाथ सरकार में मंत्री थे | इसके बाद आदिवासी नेता प्रेम सिंह पटेल ने मंत्री पद की शपथ ली | बताया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य समर्थक जिन विधायकों को मंत्री मंडल में जगह नहीं मिल पाई उन्हें निगम मंडलों में स्थान दिए जाने पर सहमति बनी है |