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छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में वर्दीधारी नक्सलियों  ने चौकीदार को उतारा मौत के घाट,मुखबिरी का लगाया आरोप, अज्ञात नक्सलियों की तलाश में सर्चिंग तेज….. देंखे वीडियो

रिपोर्टर – मनोज सिंह चंदेल 

राजनांदगांव। मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने ग्रामीण को मौत के घाट उतार दिया। घटना राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ क्षेत्र के ग्राम खुर्सीपार खुर्द की है। जहां मुखबिरी के शक पर ग्रामिण को जान से मार डाला गया, घटना को अंजाम देने के बाद नक्सलियों ने मौके पर पर्चे भी फेंके।

जानकारी के अनुसार बीती रात वर्दीधारी नक्सलियों ने राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ के बोरतलाव थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम खुर्सीपार खुर्द निवासी लगभग 38 वर्षीय मुन्ना वर्मा की हत्या कर दी। लगभग 10-12 की संख्या में बुधवार की रात वर्दीधारी नक्सली ग्राम खुर्सीपार खुर्द पहुंचे। इस दौरान नक्सलियों ने मुन्ना वर्मा को जोर जबरदस्ती कर अपने साथ उठाकर ले गए, वहीं गांव के रास्ते में जंगल के समीप उसके हाथ पैर बांधकर उसकी बेदम पिटाई करते हुए उसे गोली मार दी। इस दौरान नक्सलियों ने मौके पर पुलिस मुखबिरी से संबंधित पर्चे भी फेंके। नक्सलियों के हाथों मारा गया मुन्ना वर्मा, क्षेत्र के वन रक्षा समिति का चौकीदार था। इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कविलाश टंडन का कहना है कि सशस्त्र वर्दीधारी नक्सलियों ने ग्रामीण की हत्या की है। इस मामले में मर्ग कायम कर जांच की जा रही, वहीं अज्ञात नक्सलियों की तलाश में सर्चिंग तेज कर दी गई है।

श्री टंडन ने कहा की राजनांदगांव जिले में पुलिस से मार खा रहे नक्सलियों ने पुलिस और नक्सलियों की मुठभेड़ की मुखबिरी का आरोप स्थानी लोगों पर लगाया है और लगभग 100 लोगों की एक हिट लिस्ट भी जारी की है। जिसके बाद से नक्सली ग्रामीणों की पुलिस मुखबिरी के शक में हत्या कर रहे हैं। बीते जनवरी माह की बात की जाए तो मानपुर क्षेत्र में नक्सलियों ने 13 जनवरी को एक पूर्व सरपंच और 25 जनवरी को दो अन्य ग्रामीणों की पुलिस मुखबिरी के शक में हत्या की थी, वही बुधवार की रात नक्सलियों ने फिर मुखबिरी के शक में खुर्सीपार खुर्द के ग्रामीण को मौत के घाट उतारा है। लगातार हो रही ग्रामीणों की हत्या से साफ जाहिर होता है कि नक्सली क्षेत्र में सक्रिय होकर ग्रामीणों के मन में भय का वातावरण निर्मित कर रहे हैं। वहीं पुलिस ने भी नक्सलियों की हिट लिस्ट जारी होने के बाद क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से अंदरूनी ईलाकों को छोड़ कर किसी सुरक्षित ठिकाने पर जाने का पत्र जारी किया था। जिसके बाद विपक्ष द्वारा राजनांदगांव पुलिस की ऐसे पत्र पर सवाल भी उठाए गए थे। बाहरहाल लगातार ग्रामीणों की हत्या किए जाने से नक्सल प्रभावित क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।

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