लोकसभा चुनाव 2024 का प्री और एग्जिट पोल सच साबित, जो इस पत्रकार ने कहा, वही हुआ, सुनिए बीजेपी के 10 और कांग्रेस की 1 मात्र सीट की जीत हार का रहस्य, वरिष्ठ पत्रकारों के साथ
रायपुर। छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के परिणामों की आधिकारिक घोषणा हो चुकी है। राज्य की 11 में से 10 सीटों पर बीजेपी का परचम लहरा रहा है, कांग्रेस को 1 मात्र सीट कोरबा से जीत हासिल हुई है। यह इलाका वरिष्ठ कांग्रेसी नेता चरणदास महंत के प्रभुत्व का माना जाता है। उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत लगातार दूसरी बार विजयी हुई हैं। इस 1 मात्र सीट को छोड़कर पूरे प्रदेश से कांग्रेस के तमाम दिग्गज हार गए। माना जा रहा है कि कांग्रेस के भीतर विधान सभा चुनाव की तर्ज पर लोकसभा में भी हार की समीक्षा नही होगी, कारण ठीकरा जो पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल पर फूटेगा। लिहाजा भू-पे का राजनैतिक अस्तित्व बरकरार रखने के लिए पार्टी की कमजोरी को बनाए रखने के प्रयास अभी भी जोरों पर है।
कांग्रेस के कई नेता इसकी तसदीक भी कर रहे हैं। उनका मानना है कि भू-पे के भ्रष्टाचारों से पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। भविष्य में भी इसका खामियाजा पार्टी को भोगना पड़ेगा। उधर भू-पे समेत कांग्रेस के कई नेता और दागी अधिकारी IT-ED , CBI और EOW के लिए वांटेड बताए जा रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस की हार सुनिश्चित मानी जा रही थी।
लोकसभा चुनाव के महीने भर पहले ही प्री पोल टॉक में वरिष्ठ पत्रकारों ने बीजेपी और कांग्रेस की जीत हार के कारणों का निष्पक्ष विश्लेषण किया था। इस दौरान पत्रकार सुनील नामदेव ने राष्ट्रीय मिडिया न्यूज लॉन्चर में वरिष्ठ पत्रकार अशोक वानखेड़े को साफ कर दिया था कि कांग्रेस इस बार बमुश्किल 1 सीट ही जीत पाएगी। पत्रकार सुनील नामदेव ने कांग्रेस की संभावित हार के कारणों से भी लोगों को रूबरू कराया था।
आखिरकार वही हुआ, कांग्रेस को 1 मात्र सीट से संतुष्ट होना पड़ा। कांग्रेस की हार का कारण गिनाते हुए पत्रकार सुनील नामदेव ने बताया था कि वर्ष 2018 में विधान सभा चुनाव के दौरान ही नही बल्कि सत्ता में आने के बाद भी तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनता से झूठ बोलना जारी रखा था। वे सभी को गुमराह करते रहे। बीजेपी पर 15 सालों के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए, लेकिन पूरे 5 बरस में इन्हें कोई भी खामी नही मिली। नतीजतन बीजेपी के किसी भी मंत्री और नेता के खिलाफ FIR तक दर्ज नही की जा सकी।
यही हाल पूर्ण शराबबंदी का हुआ। बघेल अपने वादों से मुकर गए। बेरोजगार नौजवानों को प्रतिमाह 2500 रूपए देने का वादा किया लेकिन साढ़े 4 साल तक फूटी कौड़ी नही दी। चुनाव करीब आते देखकर खानापूर्ति के लिए 31.71 करोड़ रूपए बेरोजगारों को देने का फैसला किया। इससे बेरोजगारों को प्रतिमाह बमुश्किल 5 वर्षों के बजाए एक, दो माह का ही भत्ता मिल पाया था। वहीं दूसरी ओर बघेल इन वर्षों में सिर्फ घोटालों को अंजाम देते रहे। सत्ता में आने का उनका मक़सद जन सेवा नही बल्कि लूटपाट मचाना था। उनके अनैतिक कार्यों के चलते प्रदेश में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई। यही हाल लोकसभा में भी रहा। पराजित उम्मीदवारों में भूपेश अव्वल नंबर के नेता हैं, उन्हें राजनांदगांव सीट से बीजेपी के संतोष पांडेय ने 44,294 वोटों से हराया है।
शर्मनाक पराजय क्यों हुई, इसका भी कारण देख सुन लिजिए, वरिष्ठ पत्रकार अशोक वानखेड़े को राजनैतिक गलियारों में टाइगर के नाम से जाना पहचाना जाता है। यदि आप इस टॉक शो को पूरा सुनना चाहते हैं तो न्यूज लॉन्चर की साईट पर जाकर इस कार्यक्रम को देख सकते हैं। यहां आपको राजनैतिक उतार चढाव का सटीक विश्लेषण मिलेगा। इस कार्यक्रम का कुछ अंश न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ में दिखाया जा रहा है। इसके लिए हम वरिष्ठ पत्रकार अशोक वानखेड़े और न्यूज लॉन्चर के प्रति धन्यवाद व्यक्त करते हैं।