छत्तीसगढ़ में आईएएस अफसरों की क्विक रिस्पॉन्स टीम की मेहनत रंग लाई ,लॉक डाउन के मुश्किल दौर में नागपुर से धमतरी पहुंचाई दवाई, रामबाण औषधि मिलने से मरीज के चेहरे में आई मुस्कान , आम आदमी के लिए समर्पित अफसरों की टोली से लोगों में बढ़ा भरोसा  

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रायपुर / छत्तीसगढ़ में कुछ आईएएस अफसरों की क्विक रिस्पॉन्स टीम ने एक मरीज की ऐसे वक्त सहायता की है , जब उसके पास दवाईयां खत्म हो गई थी | लॉकडाउन की वजह से नागपुर जाना तो दूर घर से बाहर निकलना तक मुश्किल है | ऐसे समय जान बचाने के लिए एक गंभीर बीमारी से पीड़ित युवक ने सिर्फ व्हाट्सएप मेसेज पर अफसरों की क्विक रिस्पॉन्स टीम को अपनी आपबीती सुनाई | अफसरों ने त्वरित संज्ञान में लेकर पहले तो स्थानीय दवा बाजारों में उस दवाई की खोजबीन की | लेकिन जब वो बाजार में उपलब्ध नहीं हुई तो व्यक्तिगत रूचि लेकर इस टीम ने नागपुर संम्पर्क किया | क्विक रिस्पॉन्स टीम ने महज कुछ ही घंटों के भीतर इस मरीज के घर दवा उपलब्ध करवा दी | दवा का डिब्बा देखकर मरीज का चेहरा खुशी से खिल उठा | उसे उम्मीद ही नहीं थी कि लॉकडाउन की इस आपाधापी में कोई उसकी सुध लेगा | दरअसल पीड़ित शख्स ने दवाई खरीदने और डॉक्टरी चेकअप के लिए नागपुर जाने हेतु अपना कलेक्टर के समक्ष भेजा था | यह आवेदन मौजूदा परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए रद्द कर दिया गया | लेकिन क्विक रिस्पांस टीम फौरन सक्रीय हो गई | 


मामला धमतरी के रामसागर पारा स्थित शिव चौक निवासी अनिल यादव का है | अनिल लंबे समय से फेफड़े की एक गम्भीर बीमारी से ग्रसित है | उनका इलाज नागपुर के एक अस्पताल में चल रहा है | अनिल के हौसले उस समय पस्त हो गए जब कलेक्टर कार्यालय ने उनका आवदेन निरस्त कर दिया | दरअसल नागपुर के चिकित्सक के द्वारा किसी भी स्थिति में दवाई को लगातार 4 माह तक चलने कि सलाह दी थी जो कि महज दो माह बाद 14 अप्रेल को खत्म होने वाली थी । उनके  स्वास्थ्य  गम्भीरता को देखते हुए युवक के बड़े भाई सुनील यादव ने नागपुर जाकर दवाई लाने हेतु  जिला प्रशासन के पास आवेदन दिया था | सुनील यादव भी एक शासकीय कर्मचारी है और गरियाबन्द में पदस्थ है | सुनील यादव के चेहरे पर भी उस समय हवाइयाँ उड़ गई , जब उन्हें पता पड़ा कि कोरोना की भयावहता के कारण उनका आवेदन निरस्त हो गया है । 

इधर पीड़ित के व्हाट्सअप मैसेज से क्विक रिस्पॉन्स टीम ने मोर्चा संभाल लिया था | इस टीम में महामहिम राज्यपाल के सचिव श्री सोनमणि बोरा , आईएएस विनीत नंदनवार, कलेक्टर रायपुर भारतीदासन एवं कलेक्टर धमतरी रजत बंसल पूरी तरह से सक्रीय हो गए | उन्होंने तमाम मेडिसिन की जानकारी नागपुर स्थित संपर्क सूत्रों तक भेजी | कलेक्टर के निर्देश पर डिप्टी कलेक्टर अर्पिता पाठक एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला चिकित्सालय धमतरी डॉ.साहू ने दवाईयों की घर पहुँच सेवा का रास्ता तय किया | इसके उपरांत दवाईयां रायपुर पहुंचते ही जिला आयुर्वेद अधिकारी देवांगन  , डॉ हर्षद रणसिंग एवं स्थानीय पत्रकार उमेश वशिष्ठ ने पीड़ित के घर दस्तक दी | बहरहाल ऐसे कठिन समय में अफसरों के संवेदनशील और मानवीय रुख को प्रदर्शित करने वाली कार्यप्रणाली से लोग गदगद है |