रिपोर्टर रफीक खांन
जगदलपुर / बस्तर जैसे अशांत जिलों जनपद ग्राम पंचायतों में जनप्रतिनिधि के तौर पर सेवा दे रहे जनप्रतिनिधियों ने संभाग मुख्यालय से वर्चुअल बैठक कर अपने अधिकारों लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है । पंचायती राज व्यवस्था ग्रामीण विकास की अवधारणा को फलीभूत करने एवं गति देन में सक्षम हैं किंतु अधिकारों के विकेंद्रीकरण के अभाव होने के चलते अपने मंशा पूरी नहीं हो पा रही कहते यहां ज्ञापन सौंपा है। इस दौरान ज्ञापन के माध्यम से जनप्रतिनिधियों ने कहा है कि आदिवासी बहुल बस्तर संभाग के पंचायती पदाधिकारी हैं । यहाँ आदिवासी आबादी बहुल 68% है । विषम भौगोलिक स्थिति एवं अशांत माहौल से ग्रसित है । ऐसे माहौल में हम काम कर रहे हैं । पंचायत चाहे वो जिला हो या जनपद या ग्राम पंचायत को सम्मान तो प्राप्त है । किन्तु शासन प्रशासन की दखल अंदाजी बढ़ने से अधिकार समानता सिर्फ कागजों पर सीमित होकर रह गई है । जनप्रतिनिधियों ने आग्रह करते हुए निम्न लिखित बिंदुओं पर निर्णय की अपेक्षा मुख्यमंत्री से की हैं ।
जिला एवं जनपद के अध्यक्ष उपाध्यक्ष की वर्चअल बैठक में निम्नलिखित निर्णय लेकर राज्य शासन को अवगत कराने का फैसला लिया गया है । जिसमें जनप्रतिनिधियों ने जिला पंचायत पंचायती राज व्यवस्था में सर्वोच्च संस्थान कहते । इस कार्य छेत्र में संपूर्ण जिला होता है प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली में जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित होकर इस संस्था से सदस्य चुने जाते हैं । तद उपरांत अध्यक्ष उपाध्यक्ष का चुनाव होता है । अध्यक्ष उपाध्यक्ष के पद की गरिमा को देखते हुए राज्य मंत्री का दर्जा दिया जाना उचित होगा । देश के कई राज्यों में अध्यक्ष उपाध्यक्ष को राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है । अधिकार जिला पंचायत अध्यक्ष एवं जनपद पंचायत अध्यक्ष को वित्तीय और अनुमोदन करने का अधिकार दिया जाय ।
जिला पंचायत अध्यक्ष निधि एक करोड़ जनपद पंचायत अध्यक्ष निधि 50 लाख जिला पंचायत सदस्य निधि 20 लाख और जनपद सदस्य की निधि 10 लाख और वार्ड पांचों को 5 लाख निधि दिया जाय । जिला पंचायत उपाध्यक्ष को जिला मुख्यालय में आवास एवं सुरक्षा प्रदाय किया जाय । जिला पंचायत उपाध्यक्ष को वाहन की व्यवस्था दी जाए । जिला पंचायत अध्यक्षों की 50 हज़ार जिला पंचायत उपाध्यक्ष को 40 हज़ार जिला पंचायत सदस्य को 20 हज़ार मानदेय दिया जाए ।जनपद अध्यक्ष को 25 हज़ार जनपद उपाध्यक्ष को 20 हज़ार जनपद सदस्य को 10 हज़ार मानदेय दिया जाए ।
वहीं सरपंच को 5 हजार तो वार्ड पंच को 25 सौ रुपये मानदेय तथा सभी जिला पंचायतों को 10 करोड़ रुपये सालाना बजट देने, जनपद अध्यक्ष उपाध्यक्ष को ब्लाॅक मुख्यालय में आवास सुरक्षा एवं वाहान की व्यवस्था ,सभी जिला, जनपद,पंचायत प्रतिनिधियों को बीमा पेंशन, सामान्य सभा की बैठक के चर्चा विषय निर्णय पारित संकल्प पर प्रत्येक माह की प्रति उत्तर हर गंभीरता से विचार एवं संबंधितों को संकल्प का पालन करना सुनिश्चित किया जाए । तथा डीएमएफ पद से बीस प्रतिशत राशि ग्राम विकास के लिए जिला पंचायत के माध्यम से करने की मांग करते हुए ।
पंद्रहवीं वित्त की राशि पूर्व के तरह दस प्रतिशत जिला पंचायत को पंद्रह प्रतिशत जनपद पंचायत को और पचहत्तर प्रतिशत ग्राम पंचायत को देने की मांग के साथ जिला पंचायत प्रतिनिधियों को स्वेक्षा अनुदान की राशि दिए जाने की मांग की है । इन मांगों को लेकर बस्तर संभाग के सभी जिलों से सैकड़ों जनप्रतिनिधियों ने अपनी वर्अचल बैठक कर संभागीय मुख्यालय में कर जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी सुकमा देवचंड मातलाम जिला पंचायत कोंडागाँव शंकर कोडीयाम बीजापुर श्यामावती नेताम नारायणपुर मनीराम कष्यप उपाध्यक्ष जिला पंचायत जगदलपुर सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के नाम अपनी मांगों को लेकर संभाग आयुक्त बस्तर को ज्ञापन सौंपा है ।