रायपुर। पूर्व विधायक अमित जोगी के बाद उनकी पत्नी ऋचा जोगी के जाति प्रमाणपत्र की जांच के लिए कांग्रेस ने दबाव बनाया है। इस कड़ी में कांग्रेस के आधा दर्जन आदिवासी विधायक बुधवार को राजभवन पहुंचे। उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात कर कहा कि दिवंगत पूर्व सीएम अजीत जोगी के जाति प्रमाण पत्र को हाईपॉवर कमेटी ने निरस्त कर दिया था। ऐसे में अमित जोगी और उनके परिवार के किसी भी सदस्य अनुसूचित जनजाति वर्ग का नहीं माना जा सकता। विधायकों ने ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र की समुचित जांच की मांग की है।
कांकेर के विधायक शिशुपाल सोरी के साथ पांच विधायक इंदर शाह मंडावी, यूडी मिंज, गुलाब कमरो, मोहित कुमार केरकेट्टा और पुरूषोत्तम कंवर आज शाम राजभवन पहुंचे। उन्होंने पूर्व विधायक अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी की जाति प्रमाण पत्र को संदिग्ध बताया और कहा कि मरवाही विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है, लेकिन फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर दिवंगत पूर्व सीएम अजीत जोगी अनुसूचित जनजाति वर्ग के आरक्षित मरवाही विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे थे। स्व. जोगी के जाति प्रमाण पत्र को हाईपावर कमेटी द्वारा 23 अगस्त 2019 को निरस्त किया गया।
इन परिस्थितियों में स्व. जोगी के जाति प्रमाण पत्र संबंधी प्रकरण हाईकोर्ट में लंबित होने के कारण उनके पुत्र अमित जोगी और परिवार के किसी भी सदस्य को अनुसूचित जनजाति वर्ग का सदस्य नहीं माना जा सकता है। कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि जोगी परिवार शुरू से छत्तीसगढ़ की जनता को गलत प्रमाण पत्र और झूठे तथ्यों के आधार पर अपने को आदिवासी बताकर छलावा करते रहे हैं। अब वर्तमान में उनका पुत्र भी उसी राह में अग्रसर है। ऋचा रूपाली साधू जाति ईसाई, जो कि अमित जोगी की पत्नी है और वह एक फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर अपने को आदिवासी बताने और जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।
कांग्रेस विधायकों ने यह भी कहा कि ऋचा जोगी और उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने पढ़ाई के दौरान अपने को आदिवासी वर्ग का नहीं बताया है। परिवार के नाम दर्ज भूमि आदिवासी मद में दर्ज नहीं है। ऋचा रूपाली जोगी के पैतृक परिवार के लोग आदिवासी समाज के लोगों के साथ संव्यवहार नहीं रखते हैं। इससे यह प्रमाणित होता है कि ये आदिवासी समुदाय से संबद्ध नहीं रखते हैं और उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया जाने योग्य है।
उन्होंने ये भी बताया कि ऋचा जोगी द्वारा अकलतरा विधानसभा चुनाव के समय जाति का कालम खाली छोड़ा हुआ है। गोड़ जाति कही अंकित नहीं है। विधायकों ने यह भी बताया कि ऋचा जोगी ने जमानत की राशि 10 हजार रूपए जमा की थी, जो कि सामान्य वर्ग के अभ्यार्थी को लगता है। अनुसूचित जाति और जनजाति के अभ्यार्थी को 5 हजार रूपए लगता है। अत: ये आदिवासी समुदाय के नहीं हैं। इनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया जाना चाहिए