छत्तीसगढ़ में PHE विभाग भी विपक्ष को सौप रहा भ्रष्टाचार के मुद्दे, राजनांदगांव,महासमुंद,कांकेर के बाद जांजगीर का कार्यपालन यंत्री भी ठेकेदारी में जुटा,आईटी-ईडी की छापेमारी के बीच भ्रष्टाचार का जल-जीवन मिशन

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जांजगीर :- छत्तीसगढ़ में PHE की  विभिन्न योजनाओ में भ्रष्टाचार आम हो गया है | इस पर अंकुश लगाने के तमाम प्रयास कार्यपालन यंत्रियों के सामने बौने नजर आ रहे है|ताजा मामला जांजगीर के कार्यपालन यंत्री की कार्यप्रणाली से जुड़ा है | एक शिकायत के मुताबिक कार्यपालन यंत्री अपने करीबी परिचित और नाते रिश्तेदारों के नाम पर ” ग्रीन डिजाइन इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड ” नामक कंपनी के नाम पर खुद ठेके ले रहे है |

इस शिकायत की जांच को लेकर कई बार आवेदकों ने विभागीय मंत्री और आला  अधिकारीयों का ध्यान  दिलाया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गयी | बताया जाता है कि जल जीवन मिशन से जुड़े तमाम कार्यों में इस कंपनी की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी है | विभाग में एकाधिकार कायम रखने और भ्रष्टाचार के मामलो पर पर्दा डाले रखने के लिए इस कंपनी के कारनामे चर्चा में है |

सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि, ” ग्रीन डिजाइन इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड ” को जल जीवन मिशन जांजगीर चांपा में TPI के सारे काम आवंटित किये गए है | ये कार्य लगभग 6 सौ करोड़ के बताये  जाते है | बताया जाता है कि इस कंपनी में कार्यपालन यंत्री की गोपनीय हिस्सेदारी के चलते किसी अन्य TPI एजेंसी को किसी भी तरह का कार्य आवंटित नहीं किया गया है|

सूत्रों के मुताबिक यहाँ कई कंपनियों ने TPI कार्य के लिए हाथ पाँव मारे थे|लेकिन कार्यपालन यंत्री की अनुचित कार्यप्रणाली के चलते उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है|यह भी बताया जाता है कि सूरत गुजरात के नाम पर दर्ज कार्यपालन यंत्री की इस कंपनी की निष्पक्ष जांच बेहद जरुरी है | इसके चलते शासन को करोडो का नुकसान उठाना पड़ा है|बहरहाल इन शिकायतों को लेकर न्यूज़ टुडे ने जांजगीर चांपा के कार्यपालन यंत्री एस.के. शुक्ला  से उनका पक्ष जानना चाहा , लेकिन उनके नम्बरो से कोई प्रतिउत्तर नहीं प्राप्त हो पाया |