छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के अवैध कारोबार में शामिल हिस्सेदारों की आई शामत, दुर्ग से महादेव एप के दो सटोरियों के हत्थे चढ़ने के बाद तांत्रिक श्रीवास्तव पर 15 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में FIR दर्ज, तलाश में जुटी पुलिस…..  

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रायपुर : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल की ‘कुर्सी’ की रक्षा और तंत्र-मंत्र विद्या के जरिये उनके दुश्मनों का नाश करने के दावों को लेकर सुर्ख़ियों में आये श्रीवास्तव तांत्रिक के खिलाफ 15 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले को लेकर रायपुर पुलिस ने FIR दर्ज की है। बताया जाता है कि तांत्रिक ने तत्कालीन मुख्यमंत्री से 500 करोड़  ठेका दिलाने के लिए 15 करोड़ की रकम हड़प ली थी। इस मामले में पीड़ित लगातार अपनी रकम की वापसी की मांग कभी पूर्व मुख्यमंत्री से तो कभी श्रीवास्तव तांत्रिक से कर रहा था। लम्बे इंतज़ार के बाद भी जब रकम वापस नहीं मिली तो पीड़ित ने आरोपियों के खिलाफ स्थानीय थाने में FIR दर्ज कराई। मामला पंजीबद्ध होने के बाद पुलिस आरोपी के के श्रीवास्तव की तलाश में जुटी है। सूत्र तस्दीक कर रहे है कि धोखाधड़ी के इस मामले में कई अपराधों के आरोपी तत्कालीन भूपे बघेल से भी पूछताछ हो सकती है। बघेल शराब घोटाले, फर्जी सेक्स सीडी कांड के अलावा अन्य कई मामलों में भी आरोपी है।

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कांग्रेस के तत्कालीन आध्यात्मिक नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन, पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर और उनके भाई असगर से भी पूछताछ के आसार बताये जाते है। जानकारी के मुताबिक तेलीबांधा थाने में शिकायत दर्ज कराने वाले रावत एसोसिएट के डायरेक्टर अर्जुन रावत ने बताया है कि उनकी कंपनी द्वारा हाईवे कंट्रक्शन, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, रोड कंट्रक्शन, सरकारी बिल्डिंग का निर्माण इत्यादि काम किया जाता है। कहा गया है कि वर्ष 2023 में वे आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद कृषणन के साथ रायपुर आये थे। यहाँ तत्कालीन मुख्यमंत्री आवास में तांत्रिक के के श्रीवास्तव से उनकी यह कहते हुए मुलाकात कराई गई थी कि वे उनके कारोबार को छत्तीसगढ़ में ठेका दिलाने में मदद करेंगे। मौके पर ही उन्हें करोड़ों के ठेके को सबलेट करने का ऑफर दिया गया था। इसके लिए आरोपी श्रीवास्तव ने उनसे 15 करोड़ की राशि परफांमेंस सिक्युरिटी एवं गारंटी मनी के रूप मे जमा कराई थी। 

अर्जुन रावत ने बताया कि आरोपी ने छत्तीसगढ़ सरकार के साथ उनकी कंपनी ग्लोमैक्स इंडिया के नाम से एक मेमोरेण्डम भी व्हाटसअप के जरिये भेजा था। पीड़ित कंपनी की ओर से अर्जुन पवार ने बताया कि श्रीवास्तव के लाभांडी स्थित उनके एक निजी बंगले में जून 2023 में आरोपी खुद बा खुद ठेके का ऑफर लेकर पहुंचा था। इस दौरान हुई मीटिंग  में केके श्रीवास्तव द्वारा अर्जुन रावत को बताया कि 500 करोड रूपये का रायपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट तत्कालीन पर्यावरण और आवास मंत्री मोहम्मद अकबर के भाई ‘असगर’ ने लिया है, वे उस प्रोजेक्ट को सबलेट करना चाहते है, श्रीवास्तव ने उन्हें प्रोजेक्ट के कई दस्तावेज भी दिखाये थे।

उनके मुताबिक कंपनी ने भरोसा कर प्रोजेक्ट में अपनी सहमति प्रदान की थी। इसके बाद आरोपी श्रीवास्तव ने विभिन्न एकाउंट नंबर देकर 15 करोड ट्रांसफर करने को कहा था। उनके मुताबिक 10 जुलाई से 17 जुलाई 2023 तक विभिन्न खातों में 15 करोड़ रूपये जमा कराये गए थे। लेकिन विधानसभा चुनाव भी गुजर गया, ना तो उन्हें काम मिला और ना ही जमा की गई, रकम की वापसी को लेकर आरोपियों ने कोई रूचि नहीं दिखाई।  

पीड़ित ने बताया कि रूपया वापस मांगने पर आरोपी श्रीवास्तव द्वारा अर्जुन रावत और उनके परिवार को तंत्र – मंत्र कर जान से मारने की धमकी दी जाने लगी। जानकारी के मुताबिक तेलीबांधा पुलिस ने इस मामले में के के श्रीवास्तव और कंचन श्रीवास्तव के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 506 और 120 बी के तहत अपराध दर्ज किया है। बताया जाता है कि तांत्रिक केके श्रीवास्तव ने बिलासपुर में विवादित जमीन पर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपे के संरक्षण में एक आश्रम भी स्थापित किया है। इस आश्रम में होने वाली तंत्र क्रियाओं में शामिल होने के लिए भूपे और उनकी जेल में बंद उप सचिव अक्सर यहाँ अपनी मौजूदगी दर्ज कराते थे।

यह आश्रम बिलासपुर में पूर्व मुख्यमंत्री की अवैध गतिविधियों का ठिकाना भी बन गया था। पूर्व मुख्यमंत्री के संरक्षण के चलते आरोपी श्रीवास्तव ने कोरबा जिले में कई पावर और कोल कंपनियों में ठेकेदारी भी शुरू की थी। इस दौरान आदिवासियों की जमीनों को गैर-क़ानूनी रूप से कोल कंपनियों को सौंपे जाने को लेकर श्रीवास्तव का नाम सुर्ख़ियों में रहा है। बताते है कि उसने फर्जी लोगों को दफ्तर में खड़ा कर आदिवासियों की जमीन प्रभावशाली कंपनियों के नाम रजिस्ट्री करवा दी थी।

छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के महादेव एप घोटाले में शामिल एक के बाद एक सटोरिये EOW के हत्थे चढ़ रहे है। दुर्ग से दो सटोरियों की गिरफ्तारी के बाद तांत्रिक श्रीवास्तव पर भी गिरफ़्तारी की तलवार लटक रही है। पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी कोषाध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल लंबे अरसे से फरार बताये जाते है। जबकि सौम्या चौरसिया, अनिल टुटेजा, सूर्यकांत तिवारी और अनवर ढेबर समेत कई संगी-साथी इन दिनों जेल की हवा खा रहे है। फ़िलहाल आरोपी श्रीवास्तव भूमिगत बताये जाते है, पुलिस उनकी खोजबीन में जुटी है।