रायपुर /महासमुंद : छत्तीसगढ़ में लगभग दो माह पूर्व आयकर छापेमारी में सरकार के करीबी सूर्यकांत तिवारी के ठिकानो से करोडो की बरामदगी के अलावा ब्लैक मनी से किये गए बड़े निवेश का खुलासा हुआ था | इसके अलावा कई ऐसे दस्तावेज भी मिले थे जो राजनैतिक फंडिंग और कोल एवं परिवहन के कारोबार से जुड़े थे | इससे होने वाली आमदनी का काला चिटठा भी केंद्रीय जांच एजेंसियों को मिला था |
अब बाजार से नई जानकारी सामने आ रही है | इसमें बड़े पैमाने पर कच्चे पक्के लेन -देन को “नंबर -1 ” की रकम में बदलने के नए गोरखधंधे का खुलासा हुआ है | सूत्र बता रहे है कि सूर्यकांत से जुडी लगभग एक दर्जन फर्मो में चेक से नंबर -1 की रकम ली जा रही है | चेक जारी करने वाले को बदले में डेढ़ से दुगुनी रकम भी लौटाई जा रही है | इसमें अंतर की रकम नगद भुगतान के रूप में किया जाना बताया जा रहा है |
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में रजिस्टर्ड कई फर्म और कारोबारी सूर्यकांत की फर्मो के लिए चेक काटने में व्यस्त बताए जाते है | इसमें ऐसे कारोबारी भी शामिल है ,जिनकी बुक में “कैश इन हैंड” तो है ,लेकिन उनके पास हाथ में नगदी नहीं है | ऐसी लगभग दर्जन भर फर्मो के साथ कच्चे -पक्के के लेन -देन से लोकल बाजार में उछाल है | ब्याज के धंधे से जुड़े लोग दावा कर रहे है कि सूर्यकांत और उसके सहयोगियों के खातों में धन की बढ़ती खपत के चलते महीने भर से ब्याज की दरें बढ़ा दी गई है |
जो अब तक नीचे आने का नाम ही नहीं ले रही है | इसके चलते त्योहारी सीजन में ब्याज लेकर धंधा करने वाले कारोबारियों को पर्याप्त रकम के लिए ऊंची ब्याज दरों की अदायगी का सामना करना पड़ रहा है | इसमें इतनी तेजी बताई जा रही है कि झारखण्ड और बिहार की कई फर्मे और खातेदार भी मैदान में उतर गए है | बताया जाता है कि कुछ फर्मो के लेन -देन से सूर्यकान्त तिवारी और उससे जुडी फर्मो में बीस करोड़ से ज्यादा की कच्ची रकम को एक माह में पक्की रकम में तब्दील कर दिया गया है |
इसमें सबसे ज्यादा रकम CSEB से मिलने वाले ठेको से जुडी हुई भी बताई जा रही है |जानकारी के मुताबिक सूर्यकांत की नामी – बेनामी भागीदारी वाली फर्मो में कोयला ट्रेडिंग ,रेत एवं अन्य खनिज और परिवहन से जुडी कई कम्पनिया कार्यरत बताई जा रही है |सूत्रों के मुताबिक CSEB समेत कई महकमों में छद्दम नामो से उसका कारोबार बड़े पैमाने पर मोटी रकम इकट्ठा कर रहा है
सूत्रों के मुताबिक इसी कड़ी में CSEB में अवैध रूप से संचालित हो रहे कोल परिवहन के ठेको से हर माह दो करोड़ से ज्यादा की आमदनी हो रही है | इसकी टेक्स चोरी की भी कवायत जोरो पर है | बता दें कि ,कोरोना काल के शुरूआती दौर में परिवहन का ठेका मात्र 6 माह के लिए सूर्यकांत ने हथियाया था | लेकिन उसे लगभग दो साल से खींचा जा रहा है | इस बीच CSEB ने कई कार्यो के लिए ठेके-निविदा बुलवाई लेकिन सूर्यकांत तिवारी से जुड़े परिवहन के ठेको की निविदा जारी करने के मामले में अपने हाथ पीछे खींच लिए | इसके चलते CSEB को हर माह करोडो का घाटा हो रहा है | लेकिन प्रबंधन इस मामले से नजर फेरे बैठा है |
सूत्रों के मुताबिक सूर्यकांत की “गंगा कंस्ट्रक्शन” नामक फर्म में ही कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद करोडो रूपए एडजेस्ट किये गए है | बीजेपी शासन काल में सूर्यकांत और उससे जुडी फर्मे गुमनामी के दौर में थी | उन्हें सिर्फ औपचारिक रूप से अस्तित्व में रखा गया था | लेकिन कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद ये फर्मे सोना उगल रही है | इसके अलावा कई नई फर्मे लेन -देन के साथ कुकुरमुत्ते की तरह उग आई है |
सूत्र बताते है कि आयकर छापेमारी में सूर्यकांत के ठिकानों से सुर्खियों में आई फर्मो के अलावा दर्जन भर फर्म और उसके भागीदार ऐसे है जो अभी आयकर-ईडी की निगाहों से बचे हुए है |