रायपुर / छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सिविल लाइन स्थित मुख्यमंत्री आवास के सामने सोमवार दोपहर एक युवक ने खुद को आग के हवाले कर लिया था | बताया जाता है कि ये युवक बेरोजगारी से परेशान होकर मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रखना चाहता था | लेकिन बगैर पूर्व सूचना के अचानक सीएम हाउस पहुँचाने से सुरक्षाकर्मियों ने उसे भीतर नहीं जाने दिया | इस दौरान इस युवक ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली |
बताया जाता है कि यह युवक 60 फीसदी से ज्यादा जल चूका है | युवक की हालत गंभीर बताई जा रही है। उधर घटना के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि किसी को भी भावावेश में आकर ऐसा नकारात्मक कदम नहीं उठाना चाहिए । बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार ने कोरोना वायरस संकट के इस काल में भी पूरे राज्य में रोजगार देने की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री ने घायल हरदेव सिन्हा के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शाम धमतरी जिले के ग्राम तेलिनसत्ती निवासी हरदेव लाल सिन्हा की धर्मपत्नी से दूरभाष पर चर्चा कर उनके घर की स्थिति की जानकारी ली। सिन्हा ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्हें राशन और काम आसानी से मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने श्रीमती सिन्हा से चर्चा के दौरान उन्हें आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया है।
इधर इस बेरोजगार युवक के आत्महत्या के प्रयास ने नौजवानों की बेचैनी बढ़ा दी है | वे डेढ़ साल से बकाया बेरोजगारी भत्ता तुरंत देने की मांग कर रहे है | उनके मुताबिक लॉकडाउन से उत्पन्न हालात के चलते उन्हें आर्थिक तंगी का और ज्यादा सामना करना पड़ रहा है | बेरोजगारों ने कांग्रेस को उसका वादा याद दिलाते हुए मांग की है कि उनकी ओर फ़ौरन ध्यान दिया जाये |
दरअसल विधानसभा चुनाव 2018 में सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने पार्टी घोषणा पत्र में बेरोजगार नौजवानों से लोक लुभावन वादा किया था | उसने कहा था कि राज्य में 10 लाख शिक्षित बेरोजगारों को राजीव मित्र योजना के तहत मासिक अनुदान का प्रावधान किया जायेगा |
ये भी पढ़े : भारत में बैन के बाद गूगल प्ले-स्टोर और एपल ऐप स्टोर से TikTok गायब , और कई चीनी ऐप पर लग सकती है पाबंदी
इसमें बेरोजगारों को ढाई हज़ार रुपये मासिक आर्थिक अनुदान मिलेगा | इसके लिए हर साल तीन हज़ार करोड़ रुपये का प्रावधान किया जायेगा | हालाँकि कांग्रेस के सत्ता में आये डेढ़ साल बीत चूका है | लेकिन सरकार ने अपने वादे के अनुरूप बेरोजगारों की कोई आर्थिक मदद अभी तक नहीं दी है | फ़िलहाल नौ जवानों की बेचैनी बढ़ी हुई है | उन्हें बेरोजगारी भत्ते का इंतज़ार है |