रायपुर / छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों की लापरवाही और निष्क्रियता के चलते स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ाने लगी है | शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों की वास्तविक स्थिति का जायजा लेने के बजाये स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी अपने घरों या फिर अन्य किसी ठिकाने से बंद कमरा ऑर्डर जारी कर रहे है | उन्हें ना तो अस्पताल की जमीनी हकीकत का पता है और ना ही मरीजों और डाक्टरों की स्वास्थ्य संबंधी दिक्क्तों का | राज्य में कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग लड़ रहे डाक्टरों की जान खतरे में है | चौबीसों घंटे सेवाएं दे रहे डाक्टरों पर संक्रमण का खतरा इसलिए मंडरा रहा है ,क्योकि उनके पास N-95 मास्क है और ना ही सामान्य मास्क | नतीजतन स्वास्थ्य विभाग के रवैये से नाराज डॉक्टर अब हड़ताल में जाने का संकेत दे रहे है | डाक्टरों के मुताबिक जल्द ही उनकी समस्यायों को निदान नहीं किया गया तो वे हड़ताल पर चले जायेंगे | डाक्टरों ने अपनी समस्याओं से न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ को वाकिफ कराया |

मामला रायपुर के सबसे बड़े सरकारी मेडिकल कालेज का है | डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल-मेकाहारा में तैनात जूनियर डाक्टरों के मुताबिक देश के ज्यादातर अस्पतालों में OPD निरस्त होने के बावजूद वे मरीजों की देखभाल के लिए रायपुर में OPD का संचालन कर रहे है | सिर्फ कोरोना संक्रमित संदिग्ध मरीज ही नहीं बल्कि किसी भी मरीज को बेहतर इलाज देने के लिए वे प्रयासरत है | लेकिन स्वास्थ्य विभाग के रवैये से उनकी जान जोखिम में नजर आ रही है | डाक्टरों के मुताबिक अस्पताल में ना तो N-95 मास्क है और ना ही सामान्य मास्क | ऐसे में उन्हें संक्रमण का अंदेशा नजर आ रहा है |

जूनियर डाक्टरों के मुताबिक N-95 और सामान्य मास्क की मांग को लेकर उन्होंने DME , डीन और हॉस्पिटल सुप्रीटेंडेट को अपनी खराब स्थिति से अवगत कराया है | इसके बावजूद उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए कोई कदम नहीं उठाये गए है | जूनियर डाक्टरों ने N-95 और सामान्य मास्क की उपलब्ध्ता को लेकर सवाल खड़ा किया है | उन्होंने कहा कि जब इन मास्क की आपूर्ति का दावा स्वास्थ्य विभाग के अफसर कर रहे है तो वो मास्क है कहाँ ? डाक्टरों ने मास्क की सप्लाई और उपलब्ध्ता की जांच की मांग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से की है | डाक्टरों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री बघेल इस मामले की जांच गंभीरता से कराएंगे | जूनियर डाक्टरों के मुताबिक जब रायपुर के मेडिकल कॉलेज में मास्क की उपलब्ध्ता को लेकर उन्हें जद्दोजहद करनी पड़ रही है , तो प्रदेश के बाकि मेडिकल कालेजों का क्या हाल होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है |

उधर राज्य सरकार ने प्रदेश के निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम के अधिग्रहण संबंधी अपने ही आदेश को निरस्त कर दिया है | निरस्ती आदेश में दलील दी गई है कि लिपिकीय त्रुटिवश पूर्व आदेश जारी हुआ था | दरअसल दिनांक 26/03/2020 दिन गुरुवार को संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं ने एक आदेश जारी कर प्रदेश के समस्त निजी अस्पताल और नर्सिंग होम को अधिग्रहित करने के निर्देश दिए थे | इस आदेश के जारी होने के बाद प्रदेश के डाक्टरों में खलबली मच गई थी | हालांकि शाम होते होते इस आदेश के निरस्त किये जाने का नया आदेश भी आ गया | लेकिन उस अफसर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसने कोरोना संक्रमण के खिलाफ जुटी डाक्टरों की टीम को अपना कामकाज छोड़ अधिग्रहण के दौरान उतपन्न होने वाली समस्याओं को लेकर चिंता में डाल दिया |
दरअसल इस आदेश को जारी करवाने वाले अफसर की मानसिक स्थिति का परीक्षण करने की चर्चा डाक्टरों के बीच जोरो पर थी | डाक्टरों के मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर तमाम निजी अस्पतालों और डाक्टरों ने कोरोना संक्रमण के खिलाफ कंधे से कन्धा मिलाकर इस जंग को जीतने का ऐलान किया है | एम्स समेत तमाम सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कालेजों में पर्याप्त आइसोलेशन वार्ड और बेड का बंदोबस्त होने के बावजूद निजी अस्पतालों के अधिग्रहण का सरकारी आदेश डाक्टरों को औचित्यहीन नजर आ रहा था | उनकी दलील थी कि सरकार द्वारा निर्देशित मरीजों को वे प्राथमिकता के साथ भर्ती करते है | ऐसे में राज्य सरकार को अस्पतालों के अधिग्रहण की आवश्यकता क्यों पड़ी ? वही दूसरी ओर ज्यादातर प्राइवेट अस्पतालों का आय-व्यय का खर्चा प्रतिदिन लाखों में है | राज्य सरकार के अफसरों ने आखिर क्या सोचकर ऐसे आदेश जारी कर दिए ? फ़िलहाल भले ही इस आदेश को स्वास्थ्य विभाग ने निरस्त कर दिया हो लेकिन निजी अस्पतालों के अधिग्रहण की चर्चा देशभर में हो रही है |

उधर न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से संपर्क करने की कोशिश की | लेकिन नाकामयाबी हाथ लगी | न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ को यह जानकर हैरत हुई कि छत्तीसगढ़ में कोरोना का संक्रमण तेजी से फ़ैल रहा है | लेकिन राज्य के स्वास्थ्य मंत्री पिछले पांच दिनों से मुंबई प्रवास पर है | स्वास्थ्य मंत्री के सचिव श्रीमान विनोद जी ने न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ से कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के निजी प्रवास पर होने के चलते उनसे बातचीत होना संभव नहीं है | विनोद ने यह भी बताया कि स्वास्थ्य मंत्री कब वापस लौटेंगे यह कह पाना अभी मुश्किल है | वे स्टेट प्लेन का बंदोबस्त करने में जुटे है , ताकि उनकी छत्तीसगढ़ वापसी हो सके |