छत्तीसगढ़ में ED ने न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ की विश्वनीयता पर ऐसे लगाई हकीकत की मुहर,देंखे ED का प्रेस नोट,सूर्यकांत तिवारी गिरोह की डेढ़ साल पहले उजागर की गई करतूतों की तस्दीक इस प्रेस नोट में ,खबर में जो कहा आज हकीकत में वही जनता के सामने ,मुश्किल में कांग्रेसी नेता

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में सरकार के सरंक्षण में सूर्यकांत तिवारी गिरोह के काले कारनामो का खुलासा न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने काफी पहले कर दिया था | सूर्यकांत ने जैसे ही 36 गोरखधंधो की नीव रखी ,वैसे ही खबरों के जरिये न्यूज़ टुडे ने अपने पाठको-दर्शको और सरकार को वाकिफ करा दिया था कि आखिर कैसे अवैध वसूली की जा रही है |

तिवारी गिरोह के हौसले उस समय और बुलंद हो गए जब छत्तीसगढ़ सरकार ने खबरों पर संज्ञान लेने के बजाय सूर्यकांत के कारनामो पर से मुँह फेर लिया | नतीजतन कोयले की कालिख से शुरू हुआ कारोबार परिवहन ,स्वास्थ्य ,PWD से लेकर CSEB में परिवहन ठेका लेकर रोजाना करोडो की कमाई तक पहुँच गया | ईडी की कार्यवाही के बावजूद अभी भी सूर्यकांत के काले कारनामो की कमाई रोजाना खाते- बही में दर्ज हो रही है | 

बताया जाता है कि अपनी सहयोगी कम्पनी के जरिए CSEB में घोटाले का कोयला रोजाना ढोया जा रहा है | यह ठेका इस गिरोह ने मात्र 6 माह के लिए हथिया लिया था|लेकिन सरकारी संरक्षण के चलते लगभग 2 सालो से CSEB ने नया ठेका -टेंडर जारी नहीं किए|इसके चलते ऊँचे दाम और घटिया कोयले की आपूर्ति CSEB में हो रही है|

सूत्रों के मुताबिक CSEB के हाईग्रेड कोयले में घटिया कोयला की मिलावट कर आपूर्ति करना इस गिरोह की एक अन्य करतूतो में शामिल है | CSEB ने नियमानुसार 6 माह बाद आखिर क्यों नए टेंडर जारी नहीं किए ? जबकि इस अवधि में परिवहन छोड़ शेष कई कार्यो के टेंडर -निविदाएं जारी हो रही है। सूर्यकान्त को अनुचित फायदा पहुंचाने के इस मामले में CSEB सवालों के घेरे में है |

न्यूज़ टुडे ने विगत वर्ष दिनांक Sep 8, 2020  को अपने बुलेटिन में छत्तीसगढ़ में सूर्यकान्त तिवारी गिरोह द्वारा गब्बर सिंह टैक्स के बारे में सटीक खबर कर कोयले पर 25 रूपए टन लेव्ही वसूलने  का काला कारनामा उजागर किया था। इसके बाद बेखबर हुई मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार ने सूर्यकान्त की करतूतों पर लगाम लगाने के बजाय स्वत्रंत पत्रकारिता पर हथौड़ा चलाना शुरू कर दिया। पत्रकारों के खिलाफ फर्जी प्रकरण दर्ज करने की बाढ़ आ गई |

वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव समेत दर्जनो पत्रकार फर्जी मामले में जेल में ठूँस दिए गए। उधर सूर्यकान्त तिवारी गिरोह के कारनामे एक से बढ़ कर 36 का आंकड़ा छू गए। इस कारोबार में अखिल भारतीय सेवाओं के अफसर भी भाग्य आजमाने के लिए अपनी असल नौकरी छोड़ कूद पड़े। काला बाजारी में जुटे अफसरों ने साजिशें रच कर पत्रकारों पर दबाव बनाया।

हालांकि जेल से रिहा होने के बाद ऐसे तमाम पत्रकार हकीकत बयां करने एक बार फिर लेखनी थाम रहे है। कृपया गौर करे इस खबर पर। इस खबर को पूरा पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करे।

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न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ की इस खबर पर विश्वसनीयता की मुहर उस समय लगी जब ED ने सूर्यकान्त समेत अन्य IAS अफसरों के ठिकानो पर हालिया छापेमारी कर प्रेस नोट जारी किया। इसमें खासतौर पर बताया गया कि कोयले पर 25 रूपए टन अवैध वसूली का कारोबार कितनी ऊंचाई तक पहुँच गया था |

ED के इस प्रेस नोट में सूर्यकांत गिरोह में शामिल अफसरों और कारोबारियों के ठिकानो पर छापेमारी में मिली साढ़े छ: करोड़ की नगद रकम सहित करोडो की ब्लैक मनी से निवेश और हीरे,सोने,चांदी की गहनों की बरामदगी का खुलासा हुआ | देंखे ED का प्रेस नोट…..

छत्तीसगढ़ में केंद्रीय जांच एजेंसिया भ्रष्टाचार की रोजाना खाल उतार रही है | अखिल भारतीय सेवाओं के कई अफसर बेनकाब हो रहे है | उनके ठिकानो से मनी लॉन्ड्रिंग की बू आ रही है | इसके बावजूद भी कांग्रेसी नेता चुप्पी साधे हुए है | 

भ्रष्टाचार के मोर्चे पर बेनकाब हुई भूपेश बघेल सरकार के बचाव के लिए कांग्रेसी नेताओ की कवायद पर ED के इस प्रेस नोट ने पानी फेर दिया है | पार्टी के नेता इस मामले में तो पल्ला झाड़ रहे है | लेकिन जनता का ध्यान इस ओर से हटाने के लिए केंद्र सरकार और बीजेपी पर लगातार हमले कर रहे है |इधर विपक्ष भ्रष्टाचार पर कोहराम मचा रहा है | 

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर सोनिया गाँधी और कांग्रेस का ATM होने का सीधा आरोप लगा रहे है | जाहिर है ,सूर्यकांत गिरोह पर समय रहते लगाम लगा दी गई होती तो विपक्ष को सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार जैसे गंभीर मुद्दे का हथियार नहीं मिलता |

यही नहीं सरकार और अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों की फजीहत भी नहीं होती | बताया जाता है कि इस गिरोह की कारगुजारियों से आम कांग्रेसी कार्यकर्त्ता भी मायूस है | उन्हें चंद महीनो बाद फिर जनता की अदालत में जाना है | जाहिर है भ्रष्टाचार का मुद्दा उनकी गले की फ़ांस बनेगा |  

उधर आईएएस अफसरों की गिरफ़्तारी के लम्बे समय बाद भी उन्हें निलंबित नहीं किया गया है | छापो की जद में आए ऐसे ही कई और अफसरों के खिलाफ कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं की गई है | छत्तीसगढ़ सरकार की तिजोरी में हुए नुकसान की भरपाई के लिए ना तो कोई कार्यवाही की गई और ना ही सूर्यकांत गिरोह पर शासन की ओर से कोई FIR दर्ज कराई गई | छत्तीसगढ़ में हुई इस सामूहिक लूट के आरोपियों के प्रति “सरकार”की मेहरबानी चर्चा में है | 

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