Monday, September 23, 2024
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छत्तीसगढ़ में कोयले की कालिख से कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का दामन होने लगा काला , गब्बर सिंह टेक्स के कितने भागीदार ? राज्य के आधा दर्जन जिलों में सरकारी संरक्षण में कारोबारियों और उद्योगपतियों से 25 रूपये टन की दर से गैर कानूनी वसूली , रोजाना करोड़ों रूपये आखिर किसकी तिजोरी में ? 

कोरबा/रायगढ़/बिलासपुर – छत्तीसगढ़ के लगभग आधा दर्जन जिलों में कोयले की दलाली से कई कांग्रेसी नेताओं की छवि धूमिल हो रही है | गब्बर सिंह टेक्स के वसूले जाने से इन नेताओं का पाक साफ दामन भी अब कोयले की कालिख से काला होना शुरू हो गया है | इन दिग्गज नेताओं की कार्यप्रणाली और रंग ढंग को देखकर इलाके के लोग कहने लगे है कि उन्होंने वोट जिले के कलेक्टर या कलेक्शन एजेंट को नहीं बल्कि कांग्रेस के कर्णधारों को दिया था | लिहाजा गब्बर सिंह टेक्स लाद दिए जाने के बाद इन नेताओं की मौन साधना , इलाके की जनता को रास नहीं आ रही है |

प्रतीकात्मक तस्वीर  

राज्य के कोयला उत्पादक जिलों और उससे जुड़े उद्योग धंधो के लिए चर्चित कोरबा , रायगढ़ , जांजगीर चांपा , सूरजपुर , बिलासपुर और अंबिकापुर में इन दिनों गब्बर सिंह के दो वसूलीबाज सूर्यकांत-हेमंत नामक शख्स कालिया और सांभा की तर्ज पर कारोबारियों और उद्योगपतियों से अवैध वसूली के लिए दबाव बनाने में जुटे है | गब्बर सिंह टेक्स का विरोध करते हुए कई लोगों ने इस मामले को पुलिस और प्रशासन के संज्ञान में भी लाया है | लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली | उन्होंने गुंडा टेक्स से बचने के लिए इलाके के जन प्रतिनिधियों से गुहार लगाई है | उनकी मांग है कि अवैध वसूली पर फौरन रोक लगनी चाहिए | पीड़ितों ने राज्य शासन से भी मांग की है कि इस मामले पर “सरकार” भी अपना मत स्पष्ट करे |   

दरअसल इन इलाकों के उद्योगपतियों और कारोबारियों से कोयले पर 25 रूपये प्रति टन की दर से गुंडा टेक्स वसूला जा रहा है | दिलचस्प बात यह है कि इस तरह की वसूली को लेकर छत्तीसगढ़ शासन या उसके खनिज विभाग की ओर से कोई निर्देश जारी नहीं किये गए है | यही नहीं राज्य सरकार की ओर से भी कोयले के परिवहन और उत्पादन को लेकर किसी भी तरह के “पिट पास” जारी करने को लेकर नोटिफिकेशन जाहिर नहीं किया गया है |

बावजूद इसके कुछ प्रभावशील अधिकारियों के निर्देश पर इन जिलों में बड़े पैमाने पर रोजाना लाखों रूपये इक्क्ठा किये जा रहे है | पिट पास के नाम पर वसूली जा रही यह नगद रकम ना तो सरकारी तिजोरी में जमा कराई जा रही है और ना ही खनिज विभाग के खाते में | ऐसे में यह रकम किसके जेब में जा रही है , यह चर्चा का विषय बना हुआ है | पीड़ित कारोबारी बता रहे है कि कालिया और सांभा इस रकम को गब्बर सिंह के खाते में भेजे जाने का दावा कर रहे है | छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के काबिज होने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि उन्हें अब गैर क़ानूनी गतिविधियों से छुटकारा मिलेगा | लेकिन अचानक गब्बर सिंह के प्रकट हो जाने से जनता के अरमानों पर पानी फिरने लगा है | 

कोयले पर 25 रूपये टन की अवैध वसूली को लेकर छत्तीसगढ़ का प्रशासनिक और राजनैतिक गलियारा गरमाया हुआ है | वही अब इस मामले की गूंज  दिल्ली दरबार में भी सुनाई देने लगी है | हालांकि जिन इलाकों में यह अवैध वसूली हो रही है , वहां के दिग्गज नेताओं की कार्यप्रणाली पर भी सवालियां निशान लगने लगा है | कोरबा और जांजगीर चांपा जिले के सर्वमान्य नेता के रूप में विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत की विशिष्ट छवि है | जबकि कोरबा संसदीय सीट से उनकी पत्नी ज्योत्स्ना महंत सांसद है | दोनों ही नेताओं की छवि कभी भी दागदार नहीं रही |  कठिन समय में लोगों की मदद के लिए आगे रहने वाले इन दोनों ही नेताओं की खासी लोकप्रियता है | लेकिन गब्बर सिंह टेक्स का दोनों ही नेताओं ने ना तो कोई विरोध किया और ना ही अवैध वसूली पर रोक लगाने के लिए कोई पहल की | यही हाल कोरबा के तेज तर्रार विधायक और राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल का है | उन्होंने भी गब्बर सिंह टेक्स को लेकर चुप्पी साधी हुई है |

उधर सरगुजा और अंबिकापुर इलाके में अपना लोहा मनवा चुके राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के भी मौन धारण कर लेने से गब्बर सिंह के हौसले बुलंद है | कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र तैयार करने में टीएस सिंहदेव की महत्वपूर्ण भूमिका थी | यह घोषणा पत्र ही चुनाव का गेम चेंजर रहा | लेकिन उनके द्वारा रचित पार्टी घोषणा पत्र में सरकार आने के बाद कही पर भी गब्बर सिंह टेक्स वसूले जाने का हवाला नहीं दिया गया है | यही नहीं अवैध वसूली से प्रभावित आधा दर्जन जिलों के विधायकों ने भी इस मामले को लेकर अपना मुंह बंद रखा है | पीड़ित पूछ रहे है आखिर क्यों ? जब गब्बर सिंह टेक्स की वसूली को लेकर इन नेताओं की कोई भागीदारी नहीं है तो वे इसका विरोध क्यों नहीं कर रहे है | इलाके की जनता भी अब यह सवाल करने लगी है | उनकी दलील है कि उन्होंने चुनाव के दौरान कांग्रेस के इन दिग्गज नेताओं को वोट दिया था | किसी कलेक्टर या कलेक्शन एजेंट को नहीं | ऐसे दौर में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का रुख सवालों के घेरे में है | 

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