छत्तीसगढ़ में कोरोना की रोकथाम के लिए अब उठाने होंगे ठोस कदम , सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में गंभीर मरीजों के लिए इलाज के पुख्ता बंदोबस्त की जरूरत , कोरोना की बेकाबू रफ्तार के मद्देनजर सिविल सोसायटी ने सचेत किया सरकार को 

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रायपुर / छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण का फैलाव बेहद तेजी से हो रहा है | शासन-प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे है | इसमें गंभीर बात यह है कि अब इस महामारी से मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है | प्रदेश में रोजाना दो हजार से ज्यादा केस मिल रहे हैं। सभी प्राइवेट एवं सरकारी अस्पतालों में बेड खत्म हो चुके हैं। प्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान राज्य में कुल 2017 नए मामले सामने आए हैं, जबकि एक दिन में कुल 15 संक्रमितों की मौत हो गई। राज्य में अब कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 47280 हो गई है। जबकि अब तक इस गंभीर बीमारी से राज्य में 395 लोगों की  मौत हो चुकी है। वर्तमान परिस्थितियों छत्तीसगढ़ में अस्पतालों में बेड की भारी कमी की समस्या को देखते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी से संयोजक डॉ कुलदीप सोलंकी ने प्रदेश सरकार को महत्वपूर्ण सुझाव दिया है अगर इन सुझावों पर त्वरित रूप से अमल हो तो अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ जाएगी।

सुझाव क्रमांक 1

वर्तमान में सामान्य Asymptomatic एसिंप्टोमेटिक मरीज को वार्ड में 7 दिन तक भर्ती रखा जाता है तथा जिन मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत है उन्हें आईसीयू ICU में रखा जाता है।

1. हमारा सुझाव है की वार्ड के मरीज अगर 3 दिन तक स्टेबल रहते हैं तो उन्हें अस्पतालों से छुट्टी कर होम आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए।

2. आईसीयू में केवल वेंटिलेटर वाले मरीज रखें जाएं तथा जिन्हें ऑक्सीजन वह इंजेक्टबल दवाइयां लग रही हो उन्हें वार्ड में रखा जाए। यह सुझाव समय की मांग है क्योंकि बहुत सारे मरीज बेड के इंतजार में सीरियस हो जाते हैं तथा उन्हें बचाना मुश्किल हो जाता है। इस प्रकार सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में बहुत सारे बेड जल्द खाली हो जाएंगे।

सुझाव क्रमांक 2

रायपुर में पूरे छत्तीसगढ़ एवं पूर्व उड़ीसा के मरीज आ रहे हैं जिनकी वजह से अस्पतालों में बेड की किल्लत हो गई है। माननीय शासन से निवेदन है की छत्तीसगढ़ में हर मझोले अस्पताल जिनमें आईसीयू की व्यवस्था हो तथा कम से कम 20 बेड हो उन्हें तत्काल प्रभाव से कोविड-19 रखने की अनुमति दे दी जाए। इससे सारे मरीजों को रायपुर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी तथा केवल सीरियस मरीज ही रायपुर में शिफ्ट होंगे।

सुझाव क्रमांक 3

समस्त सामुदायिक भवनों के ट्रस्टीयों की तत्काल मीटिंग हो तथा कलेक्टर उन्हें आदेश दे कि उन्हें न्यूनतम दरों में अपने भवन के कमरों को कोविड केयर सेंटर बनाना है। इस हेतु वह अपने समाज के डॉक्टर एवं चिकित्सा कर्मियों से संपर्क करें तथा असिंप्टोमेटिक मरीज वहां रखे जाएं।

सुझाव क्रमांक 4

शासन को तत्काल प्रभाव से समस्त अस्पतालों में 10% बिस्तर चिकित्सा कर्मियों के लिए सुरक्षित करें । करीब 2487 डॉक्टर एवं चिकित्सा कर्मी संक्रमित हो गए हैं तथा इनमें से बहुत से सीरियस अवस्था में है। शासन का दायित्व है कि वह अपने चिकित्सा कर्मियों की आर्थिक, प्रशासनिक एवं चिकित्सीय मदद करें।